विपक्ष ने शनिवार को कहा कि बजट 2025 में आम लोगों और मध्यम वर्ग के लिए कुछ भी नहीं है और सरकार आगामी बिहार चुनावों को ध्यान में रखते हुए यह दस्तावेज लेकर आई है। मध्य वर्ग को आयकर में जो राहत दी गई है, बिना महंगाई कम किये उस छूट का कोई फायदा नहीं होगा। रोजगार दूर करने का कोई उपाय नहीं किया गया है।
तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि बजट में पश्चिम बंगाल के लिए कुछ भी नहीं है। बनर्जी ने कहा- "बजट में आम लोगों के लिए कुछ भी नहीं है। उन्होंने आगामी बिहार चुनावों को ध्यान में रखते हुए बजट पेश किया है। पिछली बार भी, सभी घोषणाएं आंध्र प्रदेश और बिहार के लिए थीं। आंध्र प्रदेश चुनाव खत्म हो गए हैं, बिहार चुनाव आगामी हैं, इसलिए बिहार फोकस में है।''
उन्होंने कहा, "जहां तक पश्चिम बंगाल का सवाल है, उसे पिछले 10 साल में कुछ नहीं मिला और न ही आज कुछ मिला। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। जिस तरह से बजट पेश किया गया उससे बहुत भ्रम हुआ है। "
A band-aid for bullet wounds!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 1, 2025
Amid global uncertainty, solving our economic crisis demanded a paradigm shift.
But this government is bankrupt of ideas.
डीएमके के लोकसभा सांसद दयानिधि मारन ने बजट को देश के लिए "बड़ी निराशा" बताया। मारन ने कहा- "यह देश के लिए एक बड़ी निराशा है, खासकर मध्यम वर्ग के लिए। वित्त मंत्री का दावा है कि वह 12 लाख रुपये तक कर छूट दे रही हैं, लेकिन अगली पंक्ति में कहा गया कि 8 से 10 लाख रुपये पर 10 प्रतिशत टैक्स स्लैब है।“
उन्होंने कहा, "चूंकि बिहार चुनाव आ रहे हैं, इसलिए बिहार के लिए बहुत सारी घोषणाएं की गई हैं, जो एक बार फिर बिहार के लोगों को बेवकूफ बना रही हैं। बिहार ने कभी विशेष पैकेज मांगा था। क्या आज तक उसे वो पैकेज मिला।"
शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने भी पंजाब के बजाय बिहार को बढ़ावा देने के लिए सरकार की आलोचना की। हरसिमरत ने कहा- "राज्यों के नाम देखें - बिहार, जहां चुनाव होने वाले हैं। केवल बिहार, बिहार, बिहार। पंजाब का कोई जिक्र नहीं था। किसान एमएसपी की कानूनी गारंटी को लेकर पिछले 4 साल से विरोध प्रदर्शन में बैठे हैं। क्या उन्होंने किसानों के लिए मखाना बोर्ड की घोषणा की है?''
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा- वित्त मंत्री ने 4 इंजनों की बात की: कृषि, एमएसएमई, निवेश और निर्यात। इतने सारे इंजन कि बजट पूरी तरह से पटरी से उतर गया है। ऐसा लगता है कि बिहार को घोषणाओं का खजाना मिल गया है। यह स्वाभाविक है क्योंकि साल के अंत में वहां चुनाव होने हैं। लेकिन एनडीए के दूसरे स्तंभ यानी आंध्र प्रदेश की इतनी बेरहमी से अनदेखी क्यों की गई?
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा "मुझे लगता है कि बीजीपी बेंच से आपने जो तालियां सुनीं, वह मध्यवर्गीय टैक्स कटौती के लिए थी। हम विवरण देखेंगे। यह एक अच्छी बात हो सकती है। इसलिए यदि आपको वेतन मिलता है तो आपको कम टैक्स देना होगा। लेकिन महत्वपूर्ण सवाल यह है कि अगर हमारे पास वेतन नहीं है तो आय कहां से होगी? वास्तव में बेरोजगारी का उल्लेख नहीं किया गया ...।"
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