एक ताज़ा घटना से पता चलेगा कि मोदी मॉडल गवर्नेंस की किस्म क्या है. केन्द्रीय वित्त-मंत्री सीतारमण तमिलनाडु में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) से जुड़े लोगों के साथ बैठक कर रही थीं. “समस्या समाधान” के आशय से हुईं इस बैठक में एक मशहूर होटल-चेन के मालिक ने जीएसटी की विसंगतियों की चर्चा थोडा हंसाने वाले अंदाज में की. उनका कहना था “बन पर कोई जीएसटी नहीं है लेकिन अगर उस पर क्रीम लगा दी जाये तो 18 प्रतिशत जीएसटी है. लिहाज़ा ग्राहक कहता है तुम मुझे बन और क्रीम अलग-अलग दे दो, मैं खुद हीं लगा लूँगा”. अगले दिन उन्हें मंत्री के यहाँ जा कर माफी मांगनी पडी. शायद “तोता” बनने की होड़ में सीबीआई हीं नहीं इनकम टैक्स विभाग भी है.