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निर्मला सीतारमण

बजट 2025ः जानिये किस सेक्टर को क्या मिला, लेकिन जुमले हकीकत में भी तो बदलें

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के 2025-26 के केंद्रीय बजट ने नई आयकर व्यवस्था में बड़े पैमाने पर सुधार पेश किए। उन्होंने घोषणा की कि 12 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों को अब टैक्स का भुगतान करने से पूरी तरह छूट दी जाएगी, जिसका उद्देश्य मध्यम वर्ग पर टैक्स के बोझ को कम करना और उपभोग पर खर्च में वृद्धि करना है। मध्यम वर्ग झूम रहा है। लेकिन क्या इससे महंगाई दूर होगी, क्या इससे रोजगार बढ़ेगा, क्या आम लोगों के बच्चों को सस्ती शिक्षा और सस्ता इलाज मिलेगा। आम आदमी की दिलचस्पी आंकड़ों में नहीं, उसे जमीन पर  हकीकत में बदलते हुए देखना है।  

इस फोकस के अनुरूप, अन्य आय समूहों के लिए टैक्स स्लैब को संशोधित किया गया, जिससे टैक्स प्रणाली अधिक प्रगतिशील और कम जटिल हो गई। इसके अलावा, वित्त मंत्री ने विशेषकर ग्रीन एनर्जी और प्रौद्योगिकी जैसे उभरते क्षेत्रों में रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए कृषि और व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए कई प्रोत्साहन भी शुरू किए। एआई (आर्टिफिशल इंटेलीजेंस) के लिए अलग से बजट इसी को बता रहा है। 

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शहरी विकास

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शहरों में बुनियादी ढांचे और विकास परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए 1 लाख करोड़ के कोष के साथ शहरी चुनौती कोष की स्थापना की घोषणा की। यह फंड 25% तक बैंक योग्य परियोजनाओं की फंडिंग करेगा, जिससे शहरी विकास, आधुनिकीकरण और स्थिरता को बढ़ाने के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा।

राज्यों को कर रहित लोनः सीतारमण ने कहा कि उभरते उद्यमियों को समर्थन देने के लिए 10,000 करोड़ रुपये के कोष के साथ स्टार्टअप योजना के लिए फंड ऑफ फंड्स का एक नयी योजना शुरू की जाएगी। यह पहल इन्नोवेशन और स्टार्टअप विकास के लिए सरकार के प्रयास के अनुरूप है। प्रोसेसिंग उद्योग क्षेत्र और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) द्वारा अब तक 1.5 लाख से अधिक स्टार्टअप को मान्यता दी जा चुकी है।

एमएसएमई को क्रेडिट गारंटी कवर

सरकार मध्यम और छोटे उद्योगों के लिए एमएसएमई क्रेडिट गारंटी कवर को 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ करेगी। जिससे अगले पांच वर्षों में अतिरिक्त 1.5 लाख करोड़ का क्रेडिट मिल सकेगा। एमएसएमई वर्गीकरण के लिए निवेश और टर्नओवर सीमा भी क्रमशः 2.5 गुना और 2 गुना बढ़ाई जाएगी। इसके अतिरिक्त, मेक इन इंडिया के तहत एक विनिर्माण मिशन छोटे, मध्यम और बड़े उद्योगों के लिए नीति समर्थन और एक संरचित ढांचा प्रदान करेगा।

किसानों को क्या मिलाः वित्त मंत्री ने कम पैदावार, मध्यम फसल पैदा करने वाले और औसत से कम ऋण पहुंच वाले 100 जिलों को लक्ष्य करते हुए पीएम धन धान्य कृषि योजना की घोषणा की। इस योजना का लक्ष्य फसल विविधीकरण, बेहतर सिंचाई और बढ़ी हुई भंडारण सुविधाओं के माध्यम से कृषि उत्पादकता में सुधार करके 1.7 करोड़ किसानों को फायदा पहुंचाना है। सरकार केंद्रीय एजेंसियों से खरीद समर्थन के साथ, अरहर, उड़द और मसूर पर ध्यान केंद्रित करते हुए दालों में छह साल का आत्मनिर्भरता मिशन भी शुरू करेगी। फसल उत्पादन बढ़ाने के लिए उच्च उपज वाले बीजों पर एक राष्ट्रीय मिशन शुरू किया जाएगा।
बागवानी को समर्थन देने के लिए, किसानों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करते हुए, सब्जी और फल उत्पादन के लिए एक व्यापक कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। बिहार में मखाना उत्पादन और प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए मखाना बोर्ड की स्थापना की जाएगी। आकांक्षी जिला कार्यक्रम से प्रेरित धन धान्य कृषि पहल, राज्य की भागीदारी के माध्यम से कृषि जिलों को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करेगी, जिससे दीर्घकालिक क्षेत्रीय विकास होगा।

'विकसित भारत' का विज़नः वित्त मंत्री ने शून्य गरीबी, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक सभी की पहुंच और उच्च-गुणवत्ता, सस्ती और व्यापक स्वास्थ्य देखभाल जैसे लक्ष्यों पर प्रकाश डालते हुए विकसित भारत के नजरिये की रूपरेखा तैयार की। सीतारमण ने कहा, "विकसित भारत में शून्य गरीबी, 100% गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और व्यापक स्वास्थ्य सेवा शामिल है।" लेकिन ये अभी जुमले हैं। जमीनी हकीकत तभी पता चलेगी, जब योजनाएं लागू होंगी।
निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में इस बात पर जोर दिया कि बजट का मुख्य फोकस गरीबों, युवाओं, किसानों और महिलाओं के उत्थान पर है। उन्होंने कहा, "यह बजट 10 व्यापक क्षेत्रों को कवर करता है, जिसमें गरीबों, युवाओं, अन्नदाता (किसानों) और नारी (महिलाओं) को सशक्त बनाने, कृषि विकास को बढ़ावा देने, ग्रामीण समृद्धि का निर्माण करने और एक समावेशी विकास पथ सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।"

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आपने यह तो जान लिया कि सरकार ने बजट में क्या कहा है। लेकिन बजट घोषणाएं जब लागू हो जाएंगी और उसके बाद जमीन पर क्या नजर आता है, यह खास बात है। आमतौर पर सरकार हर साल बजट में घोषणाएं करती हैं लेकिन जमीन पर कुछ उतार नहीं पाती। बजट के आंकड़े आम लोगों के लिए नहीं होते। आम आदमी इस सवाल का जवाब चाहता है कि आपके बजट से हमे क्या फायदा हुआ, क्या महंगाई कम होगी, क्या रोजगार मिलेगा, क्या अस्पतालों में गरीब का भी इलाज हो सकेगा, क्या हमारे बच्चे भी उच्च शिक्षा हासिल कर सकेंगे। मोदी ने बहुत जोरशोर से आयुष्मान भारत योजना की घोषणा की थी। लेकिन इस योजना की आड़ में एक तरफ भ्रष्टाचार हो रहा है दूसरी तरफ गरीब तबके को प्राइवेट तो छोड़िये सरकारी अस्पतालों में इलाज नहीं मिल पा रहा है।
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क़मर वहीद नक़वी
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