केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का छठा बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूंजीपति प्रेम के बावजूद हालिया आम चुनाव में बीजेपी की करारी हार से उनकी आंखें खुलने और युवाओं को रोजगार देने के गंभीर उपाय करने की मजबूरी से डांवाडोल स्थिति में है। बजट में अगले पांच साल में एक करोड़ युवाओं को 5,000 रुपए मासिक वजीफे पर इंटर्नशिप कराने जैसी घोणणाओं से साफ़ है कि प्रधानमंत्री मोदी पिछले दिनों आठ करोड़ नौकरी देने वाले अपने बयान के प्रति शायद खुद ही आश्वस्त नहीं हैं। ताज्जुब ये कि चुनावी हार ने उन्हें कांग्रेस के चुनाव घोषणा पत्र को ही लागू करने पर मजबूर कर दिया।