महिलाओं का मंगलसूत्र बचाने के हिमायती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव बाद पहले ही बजट ने ब्याहताओं को उनके सुहाग की सोने की निशानी पर 6000 रुपए प्रति तोले का चूना लगा दिया। बजट प्रावधानों से देश की करोड़ों महिलाओं को उनके जेवरात एवं संचित सोने पर क़रीब छह लाख करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। बजट में सोने पर आयात शुल्क एवं कृषि उपकरों में नौ फीसद की कटौती होने से गहने के निर्यातकों एवं सोने के नए खरीदारों को तो फायदा होगा मगर घरों में आड़े वक्त के लिए जमा सोने की कीमत में आम लोगों को भारी चूना लग गया। इससे भारतीय रिजर्व बैंक में रुपए की गारंटी के बदले जमा सोने की कीमत में भी भारी गिरावट आई है। देखना ये है कि क्या सरकार को इसकी भरपाई के लिए सोना खरीदना पड़ेगा? साथ ही कहीं प्रतिभूति के रूप में रिजर्व बैंक में जमा सोने का दाम घटने से रुपए की अंतरराष्ट्रीय कीमत तो प्रभावित नहीं होगी?
ब्याहताओं के गले के मंगलसूत्र को बजट से लगा चूना!
- विचार
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- 29 Jul, 2024

प्रधानमंत्री मोदी ने 2024 के आम चुनाव में राजस्थान के बांसवाड़ा में चुनावी भाषण में महिलाओं को विपक्ष द्वारा उनका मंगलसूत्र और उनके सोने के जेवर छीन लेने का आरोप लगाकर डराया था।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2024 के आम चुनाव में राजस्थान के बांसवाड़ा में चुनावी भाषण में महिलाओं को विपक्ष द्वारा उनका मंगलसूत्र और उनके सोने के जेवर छीन लेने का आरोप लगाकर डराया था। उन्होंने ये निराधार आरोप कांग्रेस के घोषणा पत्र में सभी घरों की सामाजिक-आर्थिक जनगणना कराने के वायदे के बहाने लगाया था। ऐसी जनगणना मोदी की बीजेपी समर्थित बिहार की नीतीश सरकार पहले ही करवा चुकी है। बिहार में सामाजिक आर्थिक जनगणना के समर्थक प्रधानमंत्री मोदी ने देश भर में ऐसी जनगणना के कांग्रेस के वायदे का अनेक बेबुनियाद आरोप लगाते हुए डटकर विरोध किया।