महिलाओं का मंगलसूत्र बचाने के हिमायती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव बाद पहले ही बजट ने ब्याहताओं को उनके सुहाग की सोने की निशानी पर 6000 रुपए प्रति तोले का चूना लगा दिया। बजट प्रावधानों से देश की करोड़ों महिलाओं को उनके जेवरात एवं संचित सोने पर क़रीब छह लाख करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। बजट में सोने पर आयात शुल्क एवं कृषि उपकरों में नौ फीसद की कटौती होने से गहने के निर्यातकों एवं सोने के नए खरीदारों को तो फायदा होगा मगर घरों में आड़े वक्त के लिए जमा सोने की कीमत में आम लोगों को भारी चूना लग गया। इससे भारतीय रिजर्व बैंक में रुपए की गारंटी के बदले जमा सोने की कीमत में भी भारी गिरावट आई है। देखना ये है कि क्या सरकार को इसकी भरपाई के लिए सोना खरीदना पड़ेगा? साथ ही कहीं प्रतिभूति के रूप में रिजर्व बैंक में जमा सोने का दाम घटने से रुपए की अंतरराष्ट्रीय कीमत तो प्रभावित नहीं होगी?