आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार चालू वित वर्ष 2023-24 में अर्थव्यवस्था में जो 8.2 फीसद वृद्धि का दावा किया गया है वो अधिकतर रोजगार रहित रही है। सर्वेक्षण ने इस बात पर बाकायदे चिंता जताई है कि चालू वित वर्ष में काॅरपोरेट सेक्टर का मुनाफा तो अच्छा-खासा बढ़ा है मगर उसके मुकाबले पूंजी निवेश की दर बहुत कम रही। इससे साफ है कि विपक्ष का यह आरोप कि मोदी सरकार पूंजीपति परस्त है और अर्थव्यवस्था में देश की आधी से अधिक 15 से 35 वर्ष के बीच विशाल युवा आबादी को रोजगार देने के मौके नगण्य है। इससे बेरोजगारी की ताजा दर सीएमआईई के अनुसार नौ फीसद से अधिक है। हालांकि सरकारी सर्वेक्षण के अनुसार बेरोजगारी की दर चार फीसद से नीचे ही है जबकि उसी में नए रोजगार पैदा करने को बड़ी चुनौती बताया गया है। सर्वेक्षण ही इंगित कर रहा है कि देश में युवा हाथों को रोजगार देने के लिए सालाना कम से 70 लाख नए मौके पैदा करना आवश्यक है।
आर्थिक तरक्की के खोखले दावों का भंडाफोड़
- अर्थतंत्र
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- 29 Mar, 2025
केंद्र सरकार के बजट पूर्व आर्थिक सर्वेक्षण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी-एनडीए की दस साल पुरानी सरकार पर विपक्ष के अधिकतर आरोपों की पुष्टि कर दी है।
