मिशनरीज़ ऑफ़ चैरिटी का विदेशी चंद क्यों बंद किया गया और आख़िर क्यों विदेशी चंदे के लिए आवश्यक विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम के तहत नवीकरण नहीं किया गया?
मदर टेरेसा की संस्था मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी को विदेशी चंदे के रूप में कितने पैसे मिले हैं? वह उनका क्या करती है? लेकिन सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि आखिर सरकार की मंशा क्या है?
मिशनरीज ऑफ चैरिटीज का एफसीआरए लाइसेंस कैंसल करने से पहले अगर सरकार ने 22 हजार गरीब मरीजों के इलाज के बारे में सोचा होता तो वो यह कदम नहीं उठाती। मदर टेरेसा की यह संस्था गरीब मरीजों को मुफ्त इलाज करती है और खाना देती है। देश में ईसाइयों के लिए हालात कैसे बदतर हो रहे हैं, जानिए इस रिपोर्ट से।