मिशनरीज ऑफ चैरिटी के बैंक खाते फ्रीज होने से उन 22 हजार मरीजों का क्या होगा, जिनका इलाज इस संस्था के भरोसे था, उनके भोजन का क्या होगा, जो इस संस्था के भरोसे था। उन सैकड़ों कर्मचारियों के वेतन का क्या होगा, जिन्हें चंद दिनों बाद वेतन मिलना था, उनका नया साल खुशियां लेकर नहीं आएगा।
काश, मोदी सरकार ने 22,000 गरीब मरीजों के बारे में सोचा होता
- विश्लेषण
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- 27 Dec, 2021
मिशनरीज ऑफ चैरिटीज का एफसीआरए लाइसेंस कैंसल करने से पहले अगर सरकार ने 22 हजार गरीब मरीजों के इलाज के बारे में सोचा होता तो वो यह कदम नहीं उठाती। मदर टेरेसा की यह संस्था गरीब मरीजों को मुफ्त इलाज करती है और खाना देती है। देश में ईसाइयों के लिए हालात कैसे बदतर हो रहे हैं, जानिए इस रिपोर्ट से।

गृह मंत्रालय ने एक झटके में सबकी खुशियां छीन लीं।
भारत सरकार ने विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) के तराजू पर इस संस्था को भी तौल दिया।