सावरकर पर राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के शुक्रवार के फ़ैसले के बाद क्या सभी स्वतंत्रता सेनानियों के ख़िलाफ़ बयानबाज़ी अब नहीं होगी? क्या अब महात्मा गांधी-नेहरू जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के ख़िलाफ़ भी अनाप-शनाप बयान नहीं आएँगे और उनको भला-बुरा कहने का दौर रुक जाएगा? 

इन सवालों का जवाब बाद में, पहले यह जान लें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सावरकर के ख़िलाफ़ क्या टिप्पणी की थी और सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को क्या कहा है। दरअसल, राहुल गांधी ने अपनी 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान 2022 में महाराष्ट्र में सावरकर के बारे में कथित तौर पर कहा था कि सावरकर ब्रिटिश के नौकर थे और उन्होंने ब्रिटिश से पेंशन ली थी। इस मामले में जस्टिस दीपांकर दत्ता के नेतृत्व वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने शुक्रवार को राहुल गांधी को फटकार लगाई। बेंच ने कहा, '...लेकिन हम आपको ग़ैर-ज़िम्मेदाराना बयान देने से रोकेंगे। स्पष्ट करें, कोई और बयान दिया तो हम स्वतः संज्ञान लेंगे और स्वीकृति का कोई सवाल नहीं! हम आपको हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में कुछ भी बोलने की अनुमति नहीं देंगे। उन्होंने हमें आजादी दिलाई, और हम उनके साथ ऐसा व्यवहार करते हैं?'