जीएसटी के मामले में यह तथ्य है कि भारतीय जनता पार्टी इसका विरोध कर रही थी और नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद इसे बिना-सोचे समझे लागू कर दिया गया। ‘मंदिर’ बनने से ‘अच्छे दिन’ की उम्मीद करने वाले ‘राजा का बाजा’ बजाने लगे और इससे जो नुक़सान हुआ उसपर किसी ने ध्यान नहीं दिया।
जीएसटी सिस्टम में यह छेद क्यों है? और अभी तक कैसे है?
- अर्थतंत्र
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- 29 Jul, 2021

सेंट्रल जीएसटी गाज़ियाबाद की टीम ने 115 करोड़ रुपये के लेन-देन के मामले में 21 फर्जी फर्म के माध्यम से 17.58 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का खुलासा किया है। आख़िर जीएसटी सिस्टम में यह छेद क्यों है?
नतीजा जो होना था, हुआ। सामने है। नहीं दिखता हो तो कुछ नहीं किया जा सकता है। 28 जुलाई 2021 के अख़बारों में ख़बर छपी, ग़ाज़ियाबाद में 21 फर्जी फर्म के माध्यम से 17.58 करोड़ की टैक्स चोरी का खुलासा, दो आरोपी गिरफ्तार। इस ख़बर के अनुसार, सेंट्रल जीएसटी गाज़ियाबाद की टीम ने 115 करोड़ रुपये के लेन-देन के मामले में 21 फर्जी फर्म के माध्यम से 17.58 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का खुलासा किया है। सेंट्रल जीएसटी कमिश्नर (ग़ाज़ियाबाद) आलोक झा ने बताया कि 23 जुलाई को शमस्टार ग्लोबल बिज़नेस सॉल्यूशन लिमिटेड के नौ जगहों पर छापेमारी की गई।