अडानी समूह के ख़िलाफ़ ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की रिपोर्ट उस पर समूह की प्रतिक्रिया और प्रतिक्रिया पर जवाब- सब देखने के बाद लग रहा है कि महा शक्तिशाली भारत सरकार अपने सबसे करीबी (दानादाता, प्रचारक, उद्धारक और खरीदार) को नुक़सान से बचा नहीं पाई है। कुल मिलाकर, आरोप जितने अडानी पर हैं उतने ही सरकार पर और अडानी से जिन सवालों के जवाब मांगे गए हैं, उनकी चर्चा करने की बजाय वे इधर-उधर की बातें कर रहे हैं और सरकार ने हमेशा की तरह चुप्पी साध रखी है।