देश की अर्थव्यवस्था की ख़राब हालत को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी में जो कहा वह भले ही गंभीर है पर देश के अख़बारों में इसे वैसी प्रमुखता नहीं मिली जैसी आम तौर पर इस सरकार के आरोपों या कांग्रेस के ख़िलाफ़ लगाए जाने वाले आरोपों को मिलती रही है। उन्होंने कहा है, ‘... सरकारी बैंक अब तक उस दलदल से बाहर आने के लिए सरकार के इक्विटी इनफ्यूज़न पर आश्रित हैं। राजन ने असेट क्वालिटी रिव्यू ज़रूर किया, लेकिन आज बैंकों की जो हालत है वह उस समय से शुरू हुई है।’ रघुराम राजन इसका जवाब दे चुके हैं फिर भी निर्मला सीतारमण ने इसे दोहराया है।