जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को जेल में चार साल पूरे हो चुके हैं। लेकिन पुलिस उनके आतंकवादी होने का सबूत अभी तक पेश नहीं कर पाई है जिससे अदालत भी उन्हें आतंकी मानकर सजा सुना दे। उमर खालिद पर आरोप है कि उन्होंने चक्का जाम का आह्वान किया था, यह देशद्रोह है। अदालत ने अभी तक सरकारी पक्ष की कहानी पर सवाल नहीं उठाया। पुलिस के गवाह कौन हैं, उन्हें गुप्त रखा गया है। इस केस में तारीख दर तारीख लग रही है, लेकिन फैसला कोई नहीं है। भारतीय न्यायपालिका की साख के तराजू पर एक और मामला।