दिल्ली पुलिस ने जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को एक वाट्सऐप ग्रुप से जुड़ा बताकर उसे सबूत के रूप में दिल्ली हाईकोर्ट में पेश किया। इस पर उनके वकील ने कोर्ट से सवाल पूछ लिया कि क्या किसी वाट्सऐप ग्रुप का हिस्सा होने को आपराधिक सबूत माना जायेगा। 2020 के उत्तर पूर्वी साम्प्रदायिक दंगों में उमर खालिद को पुलिस ने आरोपी ठहराया है। उमर करीब पांच वर्षों से जेल में हैं और हर बार उनकी जमानत याचिका खारिज हो जाती है या सुनवाई नहीं हो पाती है।