दिल्ली दंगे में आरोपी उमर खालिद, शारजील इमाम, खालिद सैफी समेत तमाम आरोपियों के मामले की सुनवाई सोमवार को नहीं हो सकी। क्योंकि जज साहब कोर्ट में नहीं आये थे। ऐसा पहली बार नहीं हुआ कि इस मामले की सुनवाई टली है। तीन बार तो जजों के तबादलों की वजह से इसे टाला गया है। तमाम आरोपियों को मुकदमे का सामना किये बिना जेल में बंद हुए यह पांचवा साल है। क्या देश में दो कानून हैं। रसूखदारों को तमाम संगीन आरोपों में आधी रात को कोर्ट खोलकर जमानत दी जा रही है। ऐसा कब तक होता रहेगा। जब अदालत खुद कह रही है। जमानत सभी का अधिकार है।