दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को 23 वर्षीय मुस्लिम व्यक्ति की मौत की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी, जिस पर अन्य लोगों के साथ कथित तौर पर पुलिसकर्मियों द्वारा हमला किया गया था और राष्ट्रगान और वंदेमातरम गाने के लिए मजबूर किया गया था। फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के दौरान यह घटना हुई थी।
जस्टिस अनुप जयराम भंभानी की पीठ ने कहा, ''मैं याचिका स्वीकार कर रहा हूं और जांच सीबीआई को ट्रांसफर कर रहा हूं।'' अदालत ने पीड़ित की मां किस्मतुन की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया, जिसमें उन्होंने अपने बेटे फैजान की मौत की जांच अदालत की निगरानी वाली विशेष टीम से कराने की मांग की थी।
अपनी याचिका में, पीड़ित की मां ने दावा किया कि पुलिस ने घटना के बाद उसके बेटे को अवैध रूप से हिरासत में लिया। इसी वजह से 26 फरवरी, 2020 को उसकी मौत हो गई। किस्मतुन की ओर से पेश वकील वृंदा ग्रोवर ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस की जांच ज्योति नगर में एसएचओ की भूमिका की जांच करने में विफल रही है, जहां फैज़ान के साथ मारपीट की गई थी।
No justice for Faizan even after 3 years!!!
— Muslim Spaces (@MuslimSpaces) May 10, 2023
Forced to sing anthem during 2020 #DelhiViolence: Delhi High Court orders recording of eyewitness statement!@vrindagrover argued that at hospital, Faizan had 3 injuries while post mortem indicated 20 injuries! https://t.co/4KPxtEQbPM pic.twitter.com/BojOtgn698
अपने बचाव में दिल्ली पुलिस ने अदालत से कहा कि वह मामले की जांच कर रही है, लेकिन इसमें समय लग रहा है क्योंकि कुछ वीडियो और सबूतों की फोरेंसिक जांच की जानी है। दिल्ली पुलिस ने कहा कि वायरल वीडियो से पुलिसकर्मियों की पहचान करना मुश्किल साबित हो रहा है क्योंकि उनके चेहरे स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं दे रहे हैं।
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