'जमानत नियम है और जेल एक अपवाद' की बार-बार टिप्पणी करने वाले सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को गुलफिशा फातिमा की जमानत याचिका पर विचार करने से भी इनकार कर दिया है। साढ़े चार साल से जेल में बंद गुलफिशा पर 2020 के दिल्ली दंगों के पीछे कथित बड़ी साज़िश को लेकर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम यानी यूएपीए के तहत केस दर्ज है। इस मामले में वह जेल में हैं। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इतना ज़रूर कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट तय तारीख पर ही जमानत अर्जी पर सुनवाई करे, जब तक कि कोई असाधारण परिस्थिति न हो।