प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिका के उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस की मंगलवार को दिल्ली में मुलाक़ात हुई। जब प्रधानमंत्री ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति वेंस और उनकी भारतीय मूल की पत्नी उषा के साथ उनके तीन बच्चों का गर्मजोशी से स्वागत किया, तो यह सिर्फ़ एक राजनयिक मुलाकात नहीं थी, बल्कि यह दो देशों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक सहयोग को मज़बूत करने का एक मौक़ा भी था। दोनों नेताओं ने व्यापार समझौते की राह प्रशस्त की। लेकिन क्या यह मुलाकात वाक़ई में 'विकसित भारत' और 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' के सपनों को साकार कर पाएगी, या इसके रास्ते में अनदेखी चुनौतियाँ छिपी हैं?

इसे समझने से पहले यह जान लें कि आख़िर दोनों नेताओं की मुलाक़ात के बाद क्या कहा गया है। पीएम मोदी ने मुलाक़ात को लेकर कहा है, 'नई दिल्ली में अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और उनके परिवार का स्वागत करके खुशी हुई। हमने मेरी अमेरिका यात्रा और राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ मुलाक़ात के बाद तेज़ी से हुई प्रगति की समीक्षा की। हम व्यापार, प्रौद्योगिकी, रक्षा, ऊर्जा और लोगों के मेलजोल सहित पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी हमारे लोगों और विश्व के बेहतर भविष्य के लिए 21वीं सदी की एक निर्णायक साझेदारी होगी।'