दिल्ली हाई कोर्ट के जज रहे जस्टिस मुरलीधर ने दिल्ली दंगे के पीड़ितों की मदद के लिए आधी रात को फ़ैसला सुनाया था। बाद में उन्होंने नफ़रती भाषण देने वालों पर एफ़आईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे। और फिर आधी रात को ही क़ानून मंत्रालय से तबादला आदेश आ गया था। ऐसा क्यों हुआ था? वैसे तो इसका जवाब पूरे देश को 2020 में ही पता चल गया था, लेकिन पहली बार इस सवाल पर जस्टिस मुरलीधर का बयान आया है।