दिल्ली हाई कोर्ट के जज रहे जस्टिस मुरलीधर ने दिल्ली दंगे के पीड़ितों की मदद के लिए आधी रात को फ़ैसला सुनाया था। बाद में उन्होंने नफ़रती भाषण देने वालों पर एफ़आईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे। और फिर आधी रात को ही क़ानून मंत्रालय से तबादला आदेश आ गया था। ऐसा क्यों हुआ था? वैसे तो इसका जवाब पूरे देश को 2020 में ही पता चल गया था, लेकिन पहली बार इस सवाल पर जस्टिस मुरलीधर का बयान आया है।
दिल्ली दंगा फ़ैसले से सरकार नाराज़ क्यों थी, समझा नहीं: जस्टिस मुरलीधर
- कर्नाटक
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- 8 Oct, 2023

दिल्ली दंगे में भड़काऊ भाषण देने वाले नेताओं के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करने के आदेश देने वाले जस्टिस मुरलीधर का तबादला क्यों किया गया था? जानिए, जस्टिस मुरलीधर ने क्या जवाब दिया।
हाल ही में उड़ीसा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पद से सेवानिवृत्त हुए जस्टिस एस मुरलीधर ने कहा है कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि दिल्ली दंगा मामले में उनके आदेश ने केंद्र सरकार को परेशान क्यों किया। बेंगलुरु में वह एक कार्यक्रम में शरीक हुए थे। इसी दौरान कार्यक्रम में शामिल एक शख्स ने उनसे सवाल पूछा था। इसने जस्टिस मुरलीधर से पूछा था कि क्या दिल्ली दंगे में देर रात के आपके फ़ैसले की वजह से आप सुप्रीम कोर्ट का जज नहीं बन पाए?