उत्तराखंड सरकार मंगलवार को विधानसभा में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) बिल पेश करने जा रही है। गोवा के बाद उत्तर भारत के हिन्दी बेल्ट में उत्तराखंड पहला ऐसा राज्य हो जाएगा, जहां यह कानून लाया जा रहा है और सदन में भाजपा के बहुमत को देखते हुए, इसके पास होने की पूरी उम्मीद है। लेकिन कांग्रेस का आरोप है कि उसे बहुत गोपनीय रखा गया है। इसके बहुत सारे कंटेंट की जानकारी जनता को नहीं है। हालांकि उत्तराखंड सरकार ने इससे इनकार किया है।
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट बनाने के लिए बनी समिति ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार ने समान नागरिक संहिता या यूसीसी को लागू करने के लिए कमर कस ली है।
उत्तराखंड में जल्द ही यूनिफॉर्म सिविल कोड या यूसीसी लागू हो सकता है। इसको लेकर राज्य सरकार तैयारी कर रही है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए बनी समिति 2 फरवरी तक राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है।
समूचा देश यूनिफार्म सिविल कोड पर चर्चा कर रहा है. कई तो बम बम है कि इससे एक जमात ठीक हो जाएगी. पर इसमें है क्या?आप ने इसका कोई काग़ज़ देखा है?आज की जनादेश चर्चा.
Satya Hindi News Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन । बीजेपी की सहयोगी पार्टी AIADMK ने UCC पर विरोध दोहराया । कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा को लेकर एक बार पीएम मोदी को घेरा
प्रधानमंत्री मोदी ने समान नागरिक संहिता की वकालत की। विधि आयोग ने भी इस पर प्रतिक्रिया मांगी है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड विधि आयोग को अपनी राय भेजने से पहले इस पर चर्चा करने के लिए बैठक कर रहा है।
आम आदमी पार्टी में समान नागरिक संहिता के मसले पर मतभेद खड़ा हुआ। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा उनकी पार्टी वोट के लिए किसी बंटवारे वाली नीति के साथ खड़ी नहीं होगी। कैसे हल होगा आप में यह विवाद? आलोक जोशी के साथ हरजिंदर, विनोद अग्निहोत्री और राकेश सिन्हा।
प्रधानमंत्री मोदी ने समान नागरिक संहिता की वकालत की। विधि आयोग ने भी इस पर प्रतिक्रिया मांगी है। इसको लागू किए जाने की संभावना के बीच जानिए, इसी विधि आयोग ने 2018 में क्या कहा था।
अगर समान नागरिक संहिता लागू हो जाए तो हिंदुओं को क्या फ़ायदा या नुक़सान होगा? क्या इससे उनके धर्म और संस्कृति को सुरक्षा मिल जाएगी? क्या उनके लिए रोज़गार और उन्नति के दरवाज़े खुल जाएंगे? या फिर उन्हें संतोष मिलेगा कि मुसलमानों को उनके मजहबी अधिकारों से वंचित कर दिया गया? कहीं ऐसा तो नहीं कि हिंदू-मुसलमान की राजनीति के झाँसे में आकर बेवजह खुश हो रहे हों?