उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए तेजी से कदम बढ़ा रही है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक विशेषज्ञ समिति ने इसका ड्राफ्ट बनाने का कार्य पूरा कर लिया है। इसके लिए सभी वर्गों, धर्मों व राजनीतिक दलों से संवाद किया गया है। माना जा रहा है कि जुलाई के पहले पखवाड़े में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को समिति ड्राफ्ट सौंप देगी। 
उत्तराखंड सरकार ने 27 मई 2022 को समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट बनाने के लिए जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। इस समिति के चार सदस्यों में रिटायर जस्टिस प्रमोद कोहली, दून विवि की कुलपति प्रो सुरेखा डंगवाल ,उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह और सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़ को शामिल किया गया था। वहीं समिति के सदस्य सचिव अजय मिश्रा को बनाया गया था।

समिति का कार्यकाल दो बार बढ़ाया गया है। मई 2023 में इसका कार्यकाल चार माह के लिए बढ़ाया गया था। 13 माह के कार्यकाल में अभी तक समिति की 52 बैठकें हो चुकी हैं और समान नागरिक संहिता पर समिति को 2.50 लाख से अधिक सुझाव मिले हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक माना जा रहा है कि समान नागरिक संहिता में महिलाओं को समान अधिकार दिए जाने पर बड़ा फैसला हो सकता है। इसके तहत हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई समेत किसी भी धर्म से ताल्लुक रखने वाली महिला को परिवार और माता-पिता की संपत्ति में समान अधिकार दिया जा सकता है।