इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर यादव ने वीएचपी के कार्यक्रम में जिस तरह साम्प्रदायिक भाषण देकर न्यायपालिका की गरिमा गिराई, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उसका संज्ञान लिया। जस्टिस शेखर ने मुसलमानों के कठमुल्ला शब्द का इस्तेमाल किया था और कहा था कि देश बहुसंख्यकों के हिसाब से चलना चाहिए। यानी उनका भरोसा भारत के संविधान पर भी नहीं है, जिसकी शपथ लेकर वो जज बने थे। जानिए सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा-