चंडीगढ़ मेयर चुनाव में पूरी प्रक्रिया पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तीखी टिप्पणियां कीं। कोर्ट ने निर्देश दिया कि सभी मतपत्र और वीडियोग्राफी सहित अन्य मूल रिकॉर्ड पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को सौंपे जाएं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा-
“
यह स्पष्ट है कि उन्होंने (रिटर्निंग अधिकारी) मतपत्रों को खराब किया? वह लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं? लोकतंत्र की इस तरह हत्या नहीं होने दे सकते।
-सुप्रीम कोर्ट, 5 फरवरी 2024 सोर्सः लाइव लॉ
अदालत ने आम आदमी पार्टी के पार्षद कुलदीप ढलोर द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी करते हुए यह बात कही, जो भारतीय जनता पार्टी के मनोज सोनकर से मेयर का चुनाव हार गए थे।
सुप्रीम कोर्ट की तीखी टिप्पणियां पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह के आठ विपक्षी वोटों को रद्द करने के कदम के बाद भाजपा द्वारा मेयर चुनाव जीतने के कुछ दिनों बाद आई है। इस कार्रवाई से वोट में गड़बड़ी के आरोप लगे थे। इस संबंध में जो वीडियो फुटेज सामने आए थे, उससे साबित हुआ कि चंडीगढ़ में निर्वाचन अधिकारी गलत तरीके से मतपत्रों पर कुछ लिख रहे थे या उन्हें खराब कर रहे थे। कांग्रेस और आप नेताओं ने कहा कि उन्होंने आठ बैलेट पेपर पर स्याही लगाकर उसे खराब कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यह भी कहा कि-
“
यह लोकतंत्र का मजाक है। चंडीगढ़ नगर निगम की 7 फरवरी की बैठक को भी स्थगित करने का आदेश दिया जाता है।
-सुप्रीम कोर्ट, 5 फरवरी 2024 सोर्सः लाइव लॉ
चंडीगढ़ मेयर के लिए विवादित चुनाव में भाजपा के मनोज सोनकर ने आप के कुलदीप कुमार को हराया था। सोनकर को अपने प्रतिद्वंद्वी कुलदीप के 12 वोटों के मुकाबले 16 वोट मिले थे। आठ वोट अवैध घोषित किए गए थे। रविवार को आप ने भाजपा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था और मांग की थी कि मतपत्रों से 'छेड़छाड़' करने के लिए पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह को गिरफ्तार किया जाए। पार्टी के चंडीगढ़ सह-प्रभारी सनी अहलूवालिया के नेतृत्व में आप पार्षद नगर निगम कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए।
उन्होंने कहा, "यह क्रमिक भूख हड़ताल 'वोट चोर' भाजपा के खिलाफ और हमारे लोकतंत्र को बचाने के लिए है। यह विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक कि पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह को गिरफ्तार नहीं किया जाता और "फर्जी" मेयर को हटा नहीं दिया जाता।"
कांग्रेस और आप ने 35 सदस्यीय चंडीगढ़ नगर निगम में अपने गठबंधन की आसान जीत की भविष्यवाणी की थी और इसे लोकसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन की पहली परीक्षा के रूप में पेश किया था। भाजपा ने भी इसे इसी तरह लिया और इस चुनाव को येन केन प्रकारेण जीतने का फैसला किया, जबकि आप और कांग्रेस मिलकर बहुत हासिल करने वाले थे। इससे पहले इसी आशंका की वजह से पीठासीन अधिकारी ने अपनी बीमारी का कारण बताकर चुनाव टाल दिया था।
अपनी राय बतायें