समलैंगिक विवाह पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को फ़ैसला सुना दिया। पाँच जजों की बेंच ने बहुमत से कहा कि विधायिका को समलैंगिक विवाह लाने पर निर्णय लेना चाहिए। यानी संसद इस पर क़ानून बना सकती है। हालाँकि सभी पांच जज इस बात से सहमत थे कि शादी करने का कोई मौलिक अधिकार नहीं है और बहुमत के फ़ैसले में अदालत ने समलैंगिक विवाह के ख़िलाफ़ फैसला सुनाया है।