संभल ताजा मामला है जहां मस्जिद में मूर्तियां ढूंढ़ने की कवायद में सर्वे हो रहे हैं। संभल की जामा मस्जिद के साथ ही काशी की ज्ञानवापी मस्जिद, मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद, अजमेर शरीफ दरगाह, देशभर में ऐसे 12 मामले हैं। आख़िर यहाँ कौन ‘बाबरी’ को ढूंढ रहा है?
अगले कुछ महीनों में दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनावों से ठीक पहले अरविंद केजरीवाल ने एक और बड़ी योजना शुरू कर दी है। जानिए, इसका दिल्ली चुनाव पर कैसा असर होगा।
दिल्ली में कई गैंग सक्रिय हैं। सवाल ये है कि केंद्रीय गृहमंत्रालय और खुफिया विभाग इन गैंग की कारस्तानियों पर अंकुश क्यों नहीं लगा पा रहा है? दिल्ली पुलिस क्यों इन गैंगस्टर्स पर कार्रवाई करने में नाकाम है?
जब दुनिया भर में भारत का डंका बजने, विश्व गुरु होने और दुनिया का मैन्यूफैक्चरिंग हब होने जैसे दावे किए जा रहे हैं तो लोग भारत को छोड़कर विदेशों में क्यों बस जा रहे हैं?
राहुल गांधी ने जाति जनगणना कराने की बात कही तो अनुराग ठाकुर ने जाति को लेकर उनपर विवादित बयान दे दिया। इस विवादित बयान को राहुल गांधी ने गाली क़रार दिया। जानिए, आख़िर जाति पर इतना घमासान क्यों है।
राहुल ने अमेठी से चुनाव क्यों नहीं लड़ा? क्या उन्हें हार का डर सता रहा था? क्या प्रियंका चुनाव लड़ेंगी और लड़ेंगी तो कहां से? वरिष्ठ पत्रकार प्रेम कुमार का विश्लेषण -
क्या मोदी के मुस्लिम विरोधी भाषण ने मुसलमानों के रुख़ को बदल दिया है क्या अब वे केवल कांग्रेस या इंडिया को वोट देंगे? वरिष्ठ पत्रकार प्रेम कुमार की टिप्पणी
प्रियंका गांधी ने मोदी के मंगलसूत्र वाले बयान का ज़बरदस्त जवाब दिया है लेकिन क्या उतना काफ़ी होगा? पित्रोदा के बयान से हुए नुक़सान की भरपाई कैसे करेगी कांग्रेस? वरिष्ठ पत्रकार प्रेम कुमार की रिपोर्ट
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 102 सीटों पर 19 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। मगर सबसे बड़ा सवाल ये है कि पिछली बार की तुलना में बीजेपी की सीटें बढ़ेंगी या घटेंगी। वरिष्ठ पत्रकार प्रेम कुमार की रिपोर्ट-
भाजपा 2024 की तैयारी बड़ी गंभीरता से कर रही है। पत्रकार प्रेम कुमार बता रहे हैं कि भाजपा के पास मुद्दे क्या क्या हैं। लेकिन उससे बढ़कर उन्होंने यह भी बताया कि भाजपा कितना सफलता पा सकती है।
मोदी सरकार की एक मंत्री मीनाक्षी लेखी महिला पहलवानों से जुड़े पत्रकारों के सवाल को टालते हुए बचकर भागने लगीं। यह वीडियो वायरल है। पत्रकार प्रेम कुमार ने इसी मुद्दे के जरिए अपनी बात कही है।
नये संसद भवन के उद्घाटन को लेकर बीएसपी प्रमुख मायावती के रुख के क्या संकेत हैं? उन्होंने आख़िर विपक्षी दलों के बहिष्कार की आलोचना क्यों की? जानिए, असली वजह।
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों का विश्लेषण अब आंकड़ों के जरिए किया जा रहा है। डेटा को तरह-तरह की व्याख्या के जरिए पेश किया जा रहा है। पत्रकार प्रेम कुमार और सत्य देव चौधरी बता रहे हैं कि कर्नाटक में हारे हुए उम्मीदवारों को जीते हुए प्रत्याशियों के मुकाबले ज्यादा वोट मिले हैं, लेकिन इसकी चर्चा नहीं हो रही है। वो क्या कहना चाहते हैं, जानिएः
विपक्षी एकता की तमाम कोशिशों के बीच टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव अलग ही खिचड़ी पका रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार प्रेम कुमार बता रहे हैं कि तीसरे मोर्चे की सियासत जमीनी स्तर पर कामयाब नहीं होने वाली है। पढ़िए उनकी पूरी बातः