नाम बदलने से इतिहास नहीं बदलता। गुलामी की प्रतीक चीजों को कहां तक मिटाया जा सकेगा। क्या कुछ प्राचीन इमारतों को गुलामी का प्रतीक मानकर गिरा दिया जाएगा और गिराने वाले सोचते हैं कि इतिहास से नाम मिट गया। वरिष्ठ पत्रकार प्रेम कुमार बता रहे हैं कि नाम बदलने की यह सक्रियता मुख्य धारा की मीडिया के दम पर है इसलिए नाम बदलने की सियासत का परचम लगातार लहराता दिख रहा है।