मुगल गार्डन को अमृत उद्यान कह देने से क्या गुलामी के प्रतीक मिट जाते हैं? क्या मुगल गार्डन में खिलने वाले फूल, यहां के मनोरम दृश्य और अधिक मनोरम होने वाले हैं? सच यह है कि न तो वायसराय हाऊस को राष्ट्रपति भवन पुकारे जाने के बाद गुलामी का प्रतीक मिटा था और न ही मुगल गार्डन को अमृत उद्यान कहने के बाद ऐसा कुछ होने वाला है। फिर, नाम बदलने की पहल ही क्यों की गयी, वह भी आजादी के 75 साल बाद?
मुगल गार्डन अब अमृत उद्यान : इतिहास का डर है क्या?
- विचार
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- 29 Mar, 2025
नाम बदलने से इतिहास नहीं बदलता। गुलामी की प्रतीक चीजों को कहां तक मिटाया जा सकेगा। क्या कुछ प्राचीन इमारतों को गुलामी का प्रतीक मानकर गिरा दिया जाएगा और गिराने वाले सोचते हैं कि इतिहास से नाम मिट गया। वरिष्ठ पत्रकार प्रेम कुमार बता रहे हैं कि नाम बदलने की यह सक्रियता मुख्य धारा की मीडिया के दम पर है इसलिए नाम बदलने की सियासत का परचम लगातार लहराता दिख रहा है।
