मुगल गार्डन को अमृत उद्यान कह देने से क्या गुलामी के प्रतीक मिट जाते हैं? क्या मुगल गार्डन में खिलने वाले फूल, यहां के मनोरम दृश्य और अधिक मनोरम होने वाले हैं? सच यह है कि न तो वायसराय हाऊस को राष्ट्रपति भवन पुकारे जाने के बाद गुलामी का प्रतीक मिटा था और न ही मुगल गार्डन को अमृत उद्यान कहने के बाद ऐसा कुछ होने वाला है। फिर, नाम बदलने की पहल ही क्यों की गयी, वह भी आजादी के 75 साल बाद?