भारत में जिस गति से इतिहास को बदला जा रहा है, उससे जल्द ही हमारे बीच दो तरह का इतिहास होगा। जिस तरह से राष्ट्रवादी अपने बच्चों को अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में पढ़ाते हैं और गरीब हिंदुओं से हिन्दी माध्यम से पढ़ने को कहते हैं, वैसा कुछ इतिहास में भी होगा। राष्ट्रवादियों के बच्चों का इतिहास बोध विदेश में छपी किताबों पर आधारित होगा और भारत के गरीब हिन्दू बच्चे पीएन ओक और जदुनाथ सरकार का लिखा इतिहास पढ़कर अपना नजरिए बनाएंगे। स्तंभकार अपूर्वानंद की विचारोत्तेजक टिप्पणीः