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राजस्थानः राणा सांगा कौन थे, क्यों है विवाद, सही इतिहास जानिए

राजस्थान में इतिहास से जुड़ी घटना को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। समाजवादी पार्टी के नेता ने 16वीं सदी के मेवाड़ के शासक राणा सांगा के बारे में एक टिप्पणी की। जिसने राजस्थान के नेताओं को नाराज कर दिया। यहाँ राणा सांगा और उनके पौत्र महाराणा प्रताप को बहुत सम्मान दिया जाता है। समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन ने आरोप लगाया कि राणा सांगा ने लोधी राजाओं को हराने के लिए बाबर को भारत बुलाया था। हालांकि इतिहासकार इसे एक गलत धारणा बताते हैं।

इतिहासकार रवि भट्ट का कहना है कि बाबरनामा में ही इस बात का जिक्र है कि राणा सांगा ने बाबर को भारत बुलाया था।


मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने इस मामले को तूल देते हुए कहा कि यह टिप्पणी राज्य के लोगों की भावनाओं के खिलाफ है। इसके बाद उदयपुर में विरोध प्रदर्शन हुए, जो राणा सांगा और महाराणा प्रताप का पूर्व राज्य था और जहाँ आज भी उनकी स्मृतियाँ मौजूद हैं। सोमवार 24 मार्च को राज्य विधानसभा में इस मामले पर हंगामा हुआ। दक्षिणपंथी राजपूत समूह, करणी सेना, ने धमकी दी है कि वे समाजवादी पार्टी के नेता की "जुबान काट देंगे।"

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राणा सांगा से पहले औरंगजेब का विवाद चल रहा था। सपा के वरिष्ठ नेता अबू आजमी ने मुगल बादशाह औरंगजेब की तारीफ की थी। भाजपा नेताओं और हिंदू समूहों ने औरंगजेब को महिमामंडित करने के प्रयासों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है। उन्होंने इतिहास के गड़े मुर्दे उखाड़ते हुए आरोप लगाया कि औरंगजेब ने हिंदुओं पर अत्याचार किए थे। विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल ने औरंगजेब की कब्र खोदने की धमकी दी। उन्होंने नागपुर में प्रदर्शन किया, जिसके बाद हिंसा शुरू हो गई थी।

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समाजवादी पार्टी सांसद ने क्या कहा?

राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन का एक वीडियो हाल ही में सामने आया था, जिसमें उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है कि राणा सांगा एक "गद्दार" थे जिन्होंने इब्राहिम लोधी को हराने के लिए बाबर को बुलाया था। फिर, शुक्रवार को राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा के दौरान, सुमन ने अपने बयान पर कायम रहते हुए राणा सांगा को बाबर के भारत आक्रमण से जोड़ा।

आईएएनएस के अनुसार, उन्होंने कहा, "भाजपा नेता अक्सर दावा करते हैं कि मुसलमानों में बाबर का डीएनए है। लेकिन बाबर को भारत किसने बुलाया था? यह राणा सांगा थे जिन्होंने इब्राहिम लोधी को हराने के लिए उन्हें बुलाया था। उस तर्क से, अगर मुसलमान बाबर के वंशज हैं, तो आप भी राणा सांगा—एक गद्दार—के वंशज हैं।"
  • उन्होंने कहा कि भारत के मुसलमान किसी मुगल बादशाह को आदर्श नहीं मानते। वे मोहम्मद साहब और सूफी संतों की परंपराओं को अपना आदर्श मानते हैं।

विधानसभा में हंगामा

सोमवार 24 मार्च को राजस्थान विधानसभा में, भाजपा विधायक श्रीचंद कृपलानी ने सुमन के बयान का विरोध किया और कार्रवाई की मांग की। जैसे ही उन्होंने यह मुद्दा उठाया, कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा ने आपत्ति जताई और कहा कि इस विषय पर सदन में चर्चा नहीं की जा सकती। इस पर भाजपा विधायकों ने जोरदार विरोध दर्ज किया और कांग्रेस को निशाना बनाया। कांग्रेस के खिलाफ नारे लगाते हुए, भाजपा विधायकों ने सवाल किया कि राणा सांगा के अपमान पर सदन में चर्चा क्यों नहीं की जा सकती।

मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार से जुड़े विश्वराज मेवाड़ ने राणा सांगा पर टिप्पणी के लिए समाजवादी पार्टी के नेता की आलोचना की। उन्होंने कहा कि वे राज्यसभा में गलत जानकारी देकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं, ऐसे बयान देकर समाज में फूट डालने की कोशिश कर रहे हैं, उन्होंने न केवल राजस्थानियों बल्कि पूरे भारत की भावनाओं को ठेस पहुँचाई है।

विवाद दिल्ली तक पहुँचाः भाजपा के वरिष्ठ नेता रवि शंकर प्रसाद ने कहा, "इन दिनों ऐतिहासिक शख्सियतों पर चर्चा हो रही है। कोई राणा सांगा जैसे महान और वीर राजा को देशद्रोही बता रहा है, तो कोई औरंगजेब का पक्ष लेने में लगा है।" पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इसे इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने का प्रयास बताया। केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा, "महाराणा सांगा ने जिस स्वतंत्रता की अलख जगाई, उसने न केवल भारत को गुलामी से बचाया, बल्कि भारत की संस्कृति को अमर रखने में भी बड़ा योगदान दिया।" उन्होंने कहा कि केवल "छोटी बुद्धि" और "संकीर्ण मानसिकता" वाले लोग ही ऐसे बयान देते हैं।
भाजपा के राज्यसभा सांसद और उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा, "राणा सांगा भारत की पहचान रहे हैं। उन्होंने अपने पूरे जीवन में बाबर और अन्य आक्रमणकारियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। देश की रक्षा करने वाले के बजाय एक आक्रमणकारी को महिमामंडित करना बेहद अशोभनीय और अनुचित है।" भाजपा सांसद शशांक मणि ने समाजवादी पार्टी के सांसद के बयान को "निंदनीय" बताया और कहा कि लोगों को राणा सांगा जैसे महापुरुषों को नमन करना चाहिए, न कि ऐसे "अनुचित" बयान देने चाहिए।

अखिलेश यादव का जवाबः समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि वह इतिहास को चुनिंदा तरीके से न उछाले। उन्होंने कहा- "अगर भाजपा इतिहास के पन्ने पलटती रही, तो लोग यह भी याद करेंगे कि छत्रपति शिवाजी के राज्याभिषेक के समय किसी ने हाथ से उनका अभिषेक नहीं किया था। कहा जाता है कि उनका अभिषेक बाएं पैर के अंगूठे से किया गया था। क्या भाजपा आज इसकी निंदा करेगी?"
एक उदाहरण देते हुए, यादव ने गैलीलियो के साथ हुए अन्याय का जिक्र किया, जिन्हें यह कहने के लिए सजा दी गई थी कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है।"गैलीलियो को उनके वैज्ञानिक दावे के लिए दंडित किया गया था, और सदियों बाद चर्च ने अपनी गलती के लिए माफी माँगी। अगर भाजपा छत्रपति शिवाजी महाराज का सम्मान करती है, तो क्या वे इस तथ्य के लिए माफी माँगेंगे कि उनका अभिषेक बाएं पैर के अंगूठे से किया गया था?"
राणा सांगा कौन थेः राणा सांगा या संग्राम सिंह प्रथम, महाराणा प्रताप के दादा, राजस्थान के सबसे प्रिय राजाओं में से एक हैं, जिन्होंने 1508 से 1528 तक मेवाड़ पर शासन किया। वीरता को सर्वोच्च मानने वाली संस्कृति में, उनका एक शानदार सैन्य करियर रहा, जिन्होंने दिल्ली, मालवा और गुजरात के सुल्तानों को 18 निर्णायक युद्धों में हराया। मुगल वंश के संस्थापक बाबर के खिलाफ उन्होंने दो निर्णायक लड़ाइयाँ लड़ीं—1527 में बयाना की लड़ाई में उन्होंने निर्णायक जीत हासिल की।
राणा सांगा ने मुगल सेना को ध्वस्त कर दिया था, बाबर के शिविर पर कब्जा कर लिया और युद्ध का सामान—हथियार, गोला-बारूद, संगीत वाद्ययंत्र और यहाँ तक कि तंबू—लूट लिए। इनमें से कुछ वस्तुएँ उदयपुर के संग्रहालयों में प्रदर्शित हैं।
  • हालाँकि, राणा दो महीने बाद खानवा की लड़ाई हार गए, जब बाबर ने अपनी तोपें ले आया। युद्ध के बाद, वह अपने घावों की वजह से चल बसे। यानी मुगलों के खिलाफ जीत को राणा सांगा दो महीने ही मना सके।

क्या राणा सांगा ने बाबर को दिल्ली बुलाया था?

ऐतिहासिक साक्ष्यों के अनुसार, राणा सांगा ने बाबर को नहीं बुलाया था। दस्तावेज़ी स्रोत बताते हैं कि बाबर, जो समरकंद हारने के बाद भारत पर नजर गड़ाए हुए था, को दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोधी के रिश्तेदार दौलत खान लोधी ने बुलाया था।
  • बाबर ने 1526 में पानीपत की पहली लड़ाई में इब्राहिम लोधी को हराया और मुगल साम्राज्य की स्थापना की, जो अगले 200 सालों तक चला।

इतिहासकार चंद्रप्रकाश शर्मा ने कहा, "राणा सांगा ने पहले ही इब्राहिम लोधी को एक बार हरा दिया था, तो उन्हें बाबर की मदद की क्या जरूरत थी?" हालांकि रवि भट्ट जैसे इतिहासकार बाबरनामा के हवाले से साफ साफ कह रहे हैं कि राणा सांगा ने ही बाबर को बुलाया था।

आज का बयाना कैसा है?

राणा सांगा के योगदान पर राजनीति होने के बावजूद, बयाना आज उपेक्षित है। उसे भुला दिया गया और बदहाल है। बीजेपी राणा सांगा का राग अलाप रही है लेकिन बयाना कस्बे की उसे चिन्ता नहीं है। भरतपुर से 30 किमी दूर यह ऐतिहासिक स्थल खंडहर में तब्दील हो रहा है। यहाँ केवल एक बोर्ड लगा है, जो यात्रियों को बयाना के ऐतिहासिक युद्धक्षेत्र की ओर इशारा करता है। बयाना के विकास के लिए बीजेपी सरकार के पास कोई योजना नहीं है। हां, उसके पास राणा सांगा के नाम पर हिन्दू मुसलमान करने की पूरी योजना है।

रिपोर्ट और संपादनः यूसुफ किरमानी
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क़मर वहीद नक़वी
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