कोलकाता में ममता बनर्जी और अखिलेश यादव की मुलाकात के बाद क्या तीसरे मोर्चे का पुनर्जन्म होगा? क्या केसीआर जिस कोशिश में जुटे रहे हैं यह उसी की परिणति है? सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्षेत्रीय दलों का एक जुट होना क्या आम चुनाव में बीजेपी के लिए चुनौती है? कांग्रेस के लिए भी क्या यह चुनौती है?
तीसरे मोर्चे की सोच न सैद्धांतिक रही, न व्यावहारिक
- विचार
- |
- 29 Mar, 2025
विपक्षी एकता की तमाम कोशिशों के बीच टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव अलग ही खिचड़ी पका रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार प्रेम कुमार बता रहे हैं कि तीसरे मोर्चे की सियासत जमीनी स्तर पर कामयाब नहीं होने वाली है। पढ़िए उनकी पूरी बातः
