लैटरल एंट्री के मुद्दे पर मोदी सरकार आरक्षण ठिकाने लगाते हुए पकड़ी गई। यह विपक्ष का दबाव था, जो रंग लाया। हालांकि कांग्रेस ने और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सबसे पहले इस मुद्दे पर सरकार पर दबाव बनाया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और नेता विपक्ष राहुल गांधी ने इस पर लगातार दो दिन बयान दिए। उसके बाद एनडीए के सहयोगी दलों जेडीयू और चिराग पासवान की एलजेपी की नींद खुली और उन्होंने भी विरोध कर दिया। अब जबकि सरकार ने लैटरल एंट्री पर यूटर्न ले लिया है तो अखिलेश ने अपना 2 अक्टूबर से शुरू होने वाला आंदोलन भी वापस ले लिया है।