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संभल पर समाजवादी पार्टी आक्रामक, पुलिस के कारनामे बताते बयान सामने आए

संभल हिंसा पर यूपी सरकार की गतिविधियों के बाद समाजवादी पार्टी आक्रामक हो गई है। उसने फोटो और वीडियो जारी किए हैं। पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि अगर मस्जिदों के नीचे मंदिर खोजे जाएंगे तो मंदिरों के नीचे बौद्ध मठ भी खोजे जाएंगे।
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने संभल हिंसा में शामिल प्रदर्शनकारियों से सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की कीमत वसूलने की उत्तर प्रदेश सरकार की योजना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उसे कथित तौर पर नारे लगाने वाले भाजपा समर्थकों की तस्वीरें भी जारी करनी चाहिए। अखिलेश ने गुरुवार को एक्स पर लिखा- जिन्होंने बवाल शुरू किया और जो पहले पहल फ़साद की वजह बने, उनकी तस्वीरें कब लगेंगी?

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अखिलेश ने इससे पहले संभल के वकीलों से आग्रह किया था कि वे इस मामले में आगे आएं और लोगों को इंसाफ दिलाएं। अखिलेश ने कहा-न्यायिक प्रक्रिया का आधार ‘साक्ष्य’ होना चाहिए; ‘स्वप्न’ नहीं। इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय संभल हादसे के लिए ज़िम्मेदार सभी लोगों और स्वप्न पर आधारित सर्वे करानेवालों और उससे जुड़े अधिवक्ताओं के ख़िलाफ़ ऐसी दंडात्मक कार्रवाई करे कि इस देश का अमन-चैन छीननेवाले नकारात्मक तत्व फिर कभी सिर न उठा सकें। बार एसोसिएशन से उम्मीद है कि वो भी इस पर दंडात्मक-अनुशासनात्मक कार्रवाई करे। इस मामले में अधिवक्ता संघों को भी आगे आना चाहिए क्योंकि अगर लोगों का विश्वास न्याय से उठ गया तो फिर कोई इंसाफ़ की उम्मीद में उनके पास नहीं जाएगा। इस बात से, एक पेशेवर होने के नाते, सबसे ज़्यादा नुक़सान अधिवक्ताओं को ही होगा। ये उनके पेशे के सम्मान का भी विषय है और उनके जीवनयापन का भी।

संभल में उत्तेजक नारे लगाने वाले कौन थेसंभल हिंसा के कई वीडियो सामने आए। जिनसे पता चल रहा है कि जब सर्वे टीम कोर्ट में सर्वे के लिए पहुंची तो उसके साथ भीड़ उत्तेजक नारे लगा रही थी। सर्वे टीम के साथ नारे लगाने वालों ने मस्जिद में घुसने की कोशिश की और यहीं से बवाल शुरू हुआ। समाजवादी पार्टी ने गुरुवार को भास्कर डॉट कॉम के उस वीडियो को शेयर किया है।
समाजवादी पार्टी ने वीडियो के साथ लिखा है- सम्भल में हुई हिंसा में भाजपा नेताओं का स्पष्ट हाथ सामने आया है, सर्वे टीम पुलिस और भाजपा नेताओं का पूरा गैंग उन्मादी और भड़काऊ नारों के साथ दंगा फसाद की तैयारी में था और जिसकी परिणति अंततः हुई हिंसा रही।  इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय को स्वतः संज्ञान लेते हुए देश के माहौल को बिगाड़ने से रोकना चाहिए और दोषियों, सरकारों को चिन्हित करके दंड देना चाहिए।
संभल हिंसा के दौरान का यह वीडियो खूब वायरल है और लोग इसके जरिए सवाल पूछ रहे हैं। संभल हिंसा को लेकर मारे गए 22 साल के बिलाल के पिता का बयान दहलाने वाला है। उन्होंने कहा- "मुझे न्याय चाहिए! चाहे कप्तान हो, दरोगा हो या सीओ हो। मैं अपने बेटे के मारने वालों को फांसी दिलवाऊंगा उसके लिए सबसे बड़ा वकील भी करूंगा। मैं मुकदमा लडूंगा और पूरा संभल का थाना सस्पेंड करवाऊंगा। मेरा बेटा बिलाल काम से घर आ रहा था तो कप्तान ने रोक कर दो गोली मारी थी।" 
इस बयान को भी सुनिए-
इस बीच पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने संभल घटना पर कड़ा बयान दिया है। मौर्य ने कहा- अगर बीजेपी वाले गड़े मुर्दे उखाड़ेंगे। तो केदारनाथ, बद्रीनाथ समेत तमाम मंदिरों के नीचे बौद्ध मठ खोजे जाएंगे। बता दें कि इतिहास ने इस तथ्य को दर्ज किया है कि सैकड़ों साल पहले भारत में कई बौद्ध मठ गिराकर हिन्दू मंदिर बनाए गए थे।
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क़मर वहीद नक़वी
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