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महाकुंभः संसद में घिरी सरकार, सवालों पर टोकाटाकी, विपक्ष मांग रहा मौतों का आंकड़ा

महाकुंभ में हुई मौतों और कुप्रबंधन का मुद्दा मंगलवार को संसद में फिर उठा। बजट सत्र की शुरुआत से ही मोदी सरकार इस मुद्दे को सदन में उठाने नहीं दे रही थी। विपक्ष को दोनों सदनों में ही इसके लिए बहिष्कार कर विरोध जताना पड़ा। लेकिन सपा प्रमुख और सांसद अखिलेश यादव ने मंगलवार को धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए इस मुद्दे को न सिर्फ उठाया, बल्कि सरकार की बखिया उधेड़ दी।  
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि सरकार 29 जनवरी को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेले में हुई भगदड़ में मरने वालों की असली संख्या छिपा रही है। सरकार का कहना है कि भगदड़ में कम से कम 30 लोग मारे गए और 60 अन्य घायल हो गए, लेकिन विपक्ष ने कहा कि मरने वालों की संख्या अधिक है। यह बताना जरूरी है कि घटना के पहले दिन यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तो मरने वालों का जिक्र तक नहीं किया। बीजेपी के सारे नेता लीपापोती में जुट गये। जब पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मरने वालों को श्रद्धांजलि दे दी तो उस दिन शाम को यूपी सरकार ने 30 मौतों का आंकड़ा जारी किया। बाद में मीडिया ने घटनास्थल पर जाकर पता लगाया कि वहां एक भगदड़ और भी हुई थी, जिसमें कई लोग मारे गये थे। लेकिन यूपी सरकार दूसरी घटना पर चुप्पी साधे बैठी है। लापता लोगों के बारे में भी कुछ नहीं बताया जा रहा है।
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लोकसभा में बजट सत्र के दौरान राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए समाजवादी पार्टी प्रमुख और सांसद अखिलेश यादव ने महाकुंभ भगदड़ में हताहतों की संख्या पर आधिकारिक डेटा जारी करने की मांग की।

जब सरकार लगातार बजट के आंकड़े दे रही है, तो कृपया महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े भी दें।


-अखिलेश यादव, सपा प्रमुख, सांसद, 4 फरवरी 2025 को संसद में सोर्सः संसद टीवी

अखिलेश यादव ने कहा कि "मैं मांग करता हूं कि महाकुंभ की व्यवस्थाओं के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाई जानी चाहिए। महाकुंभ आपदा प्रबंधन की जिम्मेदारी और खोया और पाया केंद्र सेना को दिया जाना चाहिए।"

यादव ने बीजेपी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया और कहा कि भगदड़ वाली जगह पर सबूत मिटाने के लिए जेसीबी का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कहा- "महाकुंभ हादसे में हुई मौतों, घायलों के इलाज, दवाओं, डॉक्टरों की उपलब्धता, भोजन, पानी, परिवहन का आंकड़ा संसद में पेश किया जाना चाहिए। महाकुंभ त्रासदी के लिए दोषियों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए। जिम्मेदारों और सच्चाई छुपाने वालों को सजा मिलनी चाहिए।''

हम डबल इंजन सरकार से पूछते हैं कि अगर कोई अपराध नहीं था तो आंकड़े क्यों दबाए गए, छुपाए गए और मिटाए गए?


-अखिलेश यादव, सपा प्रमुख, सांसद, 4 फरवरी 2025 को संसद में सोर्सः संसद टीवी

यह टिप्पणी समाजवादी पार्टी के नेताओं के बार-बार किए गए दावों के बीच आई है कि भगदड़ के बाद सैकड़ों लोग लापता हैं। समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने मंगलवार को कहा कि लोगों ने बताया है कि घटना के बाद से उनके परिवारों के 15,000 सदस्य लापता हैं और सरकार कोई जानकारी नहीं दे रही है।

सोमवार को एकजुट विपक्ष ने 29 जनवरी को महाकुंभ में हुई भगदड़ पर तत्काल चर्चा की मांग करते हुए चल रहे बजट सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों में सवालों की बौछार की और बाद में सदन का कुछ देर के लिए बहिष्कार किया।

(इस रिपोर्ट का संपादन यूसुफ किरमानी ने किया)
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क़मर वहीद नक़वी
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