महाकुंभ में बुधवार को भगदड़ की दूसरी घटना भी हुई थी। ऐसा दावा कुछ प्रत्यक्षदर्शियों और मीडिया रिपोर्टों में किया गया है। अगर यह घटना सच है तो आंकड़ा निश्चित रूप से बढ़ेगा। लेकिन यूपी सरकार ने दूसरी भगदड़ की पुष्टि अभी तक नहीं की है। लेकिन सरकार पुष्टि करे न करे, सच छिप नहीं सकता, खासकर जो सबूत मौजूद हों।
महाकुंभ 2025 में हुई भगदड़ में कितनी मौतें हुईं। यूपी सरकार ने यह संख्या 30 बताई है। लेकिन मौके पर मौजूद एक रिपोर्टर ने 40 की संख्या बताई है। हालांकि कई लोग तो इसे 50 से भी ऊपर बता रहे हैं। सैकड़ों लापता लोगों का अभी भी पता नहीं है। कई चश्मदीदों ने और भी तथ्य बताये हैं। कई वीडियो दहलाने वाले हैं।
योगी सरकार ने महाकुंभ में मरने वालों की संख्या क्यों छिपाई? क्या वह देश को गुमराह नहीं कर रही थी? मीडिया ने उसका साथ क्यों दिया वह किसके और किस तरह के दबाव में था?
महाकुंभ इलाहाबाद में 1954 में भी भगदड़ मची थी। 800 लोग मारे गए थे। पीएम मोदी ने 2019 में एक रैली में नेहरू को 1954 में हुई भगदड़ के लिए जिम्मेदार ठहराया था और आरोप लगाया था कि उस समय की खबरों को दबा दिया गया। क्या आज मोदी अपने उस आरोप को याद करना चाहेंगे, जब मौत की सही संख्या छिपाई जा रही है।
महाकुंभ भगदड़ पर केंद्र की मोदी सरकार और यूपी की योगी सरकार बुरी तरह घिर गई है। तमाम विपक्षी दलों ने सरकारी बदइंतजामी, वीवीआईपी आवाजाही को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया है। यह भी जानिये कि योगी और मोदी ने क्या फरमाया हैः
महाकुंभ प्रयागराज में कम से कम 15 मौतों की खबर आ रही है। लेकिन इन मौतों के लिए जिम्मेदार कौन है। यह सवाल पूछा जाना इस समय वाजिब है। क्या इन मौतों के लिए वो वीआईपी जिम्मेदार हैं, जिनकी सेवा में योगी आदित्यनाथ सरकार जुटी हुई थी।
महाकुंभ में बुधवार तड़के हुई भगदड़ को लेकर तमाम भयावह कहानियां प्रत्यक्षदर्शी बता रहे हैं। हर एक की अपनी कहानी है। कोई कह रहा है कि वो 10 लोग थे, अब सिर्फ दो बचे हैं। शेष 8 कहां गये, पता नहीं।
प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान भगदड़ से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो गई। मौके पर भयावह दृश्य हैं। बदइंतजामी चारों तरफ नजर आ रही है। जानिए, प्रशासन ने ताज़ा अपडेट क्या दिया है।