देश की महिलाओं को सुषमा स्वराज की कमी खल रही है। निश्चित रूप से इनमें महिला पहलवान भी हैं जो बीजेपी सांसद और रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रही हैं। मेडल लौटाने और यहां तक कि आमरण अनशन तक को वे तैयार हैं। बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवान यौन शोषण/उत्पीड़न का आरोप लगा रही हैं। मोदी सरकार में 11 महिला मंत्री हैं। लेकिन, एक भी जुबान खोलने को तैयार नहीं। क्या सुषमा स्वराज होतीं तो चुप रह सकती थीं?