गुजरात के मोरबी में जिस पुल हादसे में सवा सौ से ज़्यादा लोगों की जान चली गई थी उस मामले में अब चार्जशीट दायर। जानिए, ब्रिज की मरम्मत करने वाली कंपनी पर क्या आरोप हैं?
गुजरात चुनाव के नतीजे दिखाते हैं कि बीजेपी राज्य में ऐतिहासिक जीत दर्ज कर रही है। जानिए, चुनाव से ऐन पहले मोरबी पुल हादसा होने के बाद मोरबी में बीजेपी का कैसा प्रदर्शन रहा।
मोरबी हादसे के मामले में चीफ जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस आशुतोष जे शास्त्री की बेंच ने हैरानी जताई कि बिना कोई टेंडर जारी किए अजंता कंपनी को ब्रिज की मरम्मत का ठेका कैसे दे दिया गया।
गुजरात के मोरबी में क्या भोपाल जैसा कुछ दोहराया जाएगा। प्रसिद्ध पत्रकार श्रवण गर्ग ने भोपाल गैस त्रासदी के बाद वहां हुए चुनाव से मोरबी और पूरे गुजरात के चुनाव की तुलना की है। सचमुच, यह चुनाव गुजरात और मोरबी के लोगों की परीक्षा है। जानिए उस वक्त की राजनीति और इस वक्त की राजनीति का हालः
मोरबी पुल हादसे को लेकर क्या गुजरात हाई कोर्ट इस हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर कोई सख्त कार्रवाई करेगा। क्योंकि जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग लगातार उठ रही है।
मोरबी पुल हादसे की चीख-पुकार अभी शांत नहीं हुई है। इस हादसे के बाद भी आखिर क्यों ओरेवा कंपनी के मालिक, नगरपालिका के जन प्रतिनिधि, राज्य सरकार और बीजेपी नेता निश्चिंत हैं?
गुजरात चुनावों की घोषणा के साथ, यह सवाल बना हुआ है कि क्या मोरबी में 135 निर्दोष लोगों की मौत का राज्य में भाजपा के राजनीतिक भाग्य पर कोई असर पड़ सकता है, जहां वह 27 वर्षों से निर्विवाद रूप से शासन कर रही है।
बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के और बिना नगर पालिका की इजाजत के आखिर ओरेवा समूह ने इस पुल को आम लोगों के लिए कैसे खोल दिया? क्या इस मामले में कुछ बड़े लोगों पर भी कार्रवाई होगी?
‘समस्या और समाधान’ शीर्षक से जयसुख पटेल के द्वारा लिखी गई किताब को पढ़ने से पता चलता है कि पटेल लोकतंत्र के धुर विरोधी हैं और किसी भी तरह के नियम-कानूनों के पूरी तरह खिलाफ हैं।
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने मोरबी हादसे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इसकी न्यायिक जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में होना चाहिए। ममता ने और क्या कहा, जानिए।
गुजरात के मोरबी में हुए हादसे में ओरेवा ग्रुप के चेयरमैन जयसुख पटेल को आरोपी बताया गया है। यह कारोबारी सत्ता के कैसे नजदीक है, इसी तथ्य की पड़ताल इस रिपोर्ट में की गई है। इसके अलावा कुछ सवाल भी उठाए गए हैं। पढ़िएः