गुजरात में मोरबी के झूलते पुल का टूटना और  141 से ज्यादा लोगों का डूबकर मर जाना क्या ईश्वर की इच्छा थी? इस हादसे के बाद गुजरात और भारत में जो खामोशी है, उससे कुछ ऐसा ही लगता है कि हमने इसे ईश्वरीय प्रकोप मान लिया है जिसके आगे इंसान बेबस था। जैसे कोई भूकंप हो या तूफ़ान जिस पर आदमी का कोई बस नहीं।लेकिन पहले हम भाषा ठीक कर लें। मोरबी में जो हुआ उसे सामूहिक हत्या कहना अधिक मुनासिब है। और इसके अपराधी भी जाने हुए हैं।