जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय(जे एन यू) छात्र संघ का चुनाव टल गया है। चुनाव कराने वाले आयोग का आरोप है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(ए बी वी पी) ने नामांकन के दौरान हिंसा करके बाधा पहुँचाई है। उधर ए बी वी पी का इल्ज़ाम है कि इस बार वाम छात्र संगठनों में फूट के कारण उसकी जीत की संभावना बढ़ गई है। इससे घबराकर आयोग ने, जो वाम संगठनों से जुड़ा है, चुनाव टाल दिया है। दोनों में कौन ठीक बोल रहा है, निश्चित रूप से बतलाना किसी भी बाहरी व्यक्ति के लिए मुश्किल है। लेकिन चुनाव टालने से इसकी गुंजाइश बढ़ गई है कि प्रशासन इसमें दख़लंदाज़ी करे। वह तर्क दे सकता है कि विद्यार्थी इस प्रक्रिया का संचालन प्रभावी और निष्पक्ष तरीक़े से नहीं कर पा रहे। इस आशंका को नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए।