भारतीय विद्यार्थियों का अमरीकी सपना टूटता जान पड़ता है। पिछले दिनों भारतीय छात्रा रंजनी श्रीनिवास के अमरीकी वीज़ा रद्द होने के बाद उनके किसी तरह अमरीका से निकलकर कनाडा में छिपने की भारत के लिए ख़तरे की घंटी होनी चाहिए। लेकिन वह बज रही हो तो सुनाई भी पड़ रही है, इसका सबूत नहीं क्योंकि भारतीय मीडिया के लिए यह बड़ी खबर नहीं है। एक भारतीय विद्यार्थी का वीज़ा अमरीका ने रद्द कर दिया, इस पर भारत सरकार की भी कोई प्रतिक्रिया नहीं है।
भारत के एक श्रेष्ठ शिक्षा संस्थान सेंटर फॉर इनवायरन्मेंटल प्लानिंग एंड टेक्नोलॉजी से उन्होंने स्नातक की डिग्री हासिल की और बाद में अमरीका के हॉर्वर्ड विश्वविद्यालय में पढ़ाई की। उन्हें प्रतिष्ठित नेहरू फ़ुलब्राइट स्और इनलैक्स स्कालरशिप भी मिली थी। आगे शोध के लिए उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय में दाख़िला लिया था। लेकिन अमरीकी सरकार ने उनपर यह आरोप लगाते हुए उनका वीज़ा रद्द कर दिया कि वे ‘हमास’ समर्थक गतिविधियों में संलग्न थीं। रंजनी अगर ख़ुद वहाँ से नहीं आ जातीं तो उनकी गिरफ़्तारी तय थी।