आज जीवित कुछ सबसे बड़े रचनाकारों में एक विनोद कुमार शुक्ल को ज्ञानपीठ पुरस्कार दिए जाने की घोषणा हुई है।साहित्यिक जगत में इसका स्वागत हो,यह स्वाभाविक ही है। ख़ुद विनोद कुमार शुक्ल ने अपनी ख़ुशी ज़ाहिर की है।कहा है कि उन्हें इसका ख़याल न था कि यह पुरस्कार उन्हें मिलेगा। इससे वे कुछ और लिख सकेंगे।उनके प्रशंसकों ने कहा है कि इससे ज्ञानपीठ पुरस्कार का मान बढ़ा है।