प्रधानमंत्री मोदी ने मोरबी में पुल हादसे की जगह का जब दौरा किया तो क्या वहाँ कुछ छिपाया गया? आख़िर प्रधानमंत्री जहाँ खड़े थे वहाँ पर प्लास्टिक कवर से क्या ढका हुआ था? विपक्षी दलों से लेकर सोशल मीडिया यूज़रों ने लिखा कि उस प्लास्टिक कवर से उस कंपनी के नाम को ढक दिया गया जिसको पुल हादसे के लिए ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है। तो क्या सच में प्रधानमंत्री के दौरे से पहले उस कंपनी के नाम वाले बोर्ड को ढका गया? या फिर जैसा कि कुछ बीजेपी से जुड़े लोग या पार्टी समर्थित माने जाने वाले लोग दावा कर रहे हैं, उस बोर्ड को ढका ही नहीं गया?
इस सवाल का जवाब पाने के लिए सबसे पहले उस वीडियो को देखा जा सकता है जिसमें प्रधानमंत्री मोदी के उस हादसे वाली जगह के दौरे को लाइव दिखाया गया है। बीजेपी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर ही वह वीडियो मौजूद है।
PM Shri @narendramodi visits Morbi to take stock of situation at the site of bridge collapse. https://t.co/TYG19g32TL
— BJP (@BJP4India) November 1, 2022
इस वीडियो में प्रधानमंत्री मोदी पुल हादसे वाली जगह पर एक प्लेटफॉर्म पर खड़े हैं। उस प्लेटफॉर्म के ऊपर ही दो छोटे-छोटे बोर्ड दिखते हैं जिसमें 'सीसीटीवी निगरानी' और 'नो सेल्फी ज़ोन' के बारे में लिखा हुआ है। उसके ऊपर एक प्लास्टिक का कवर दिखता है। इसी कवर को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी है।
वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने उसी जगह की दो तसवीरों के कोलाज को ट्वीट किया है। एक तसवीर में प्लास्टिक कवर से ढका बोर्ड का कुछ हिस्सा दिखता है जबकि दूसरी तसवीर में वह बोर्ड पूरा दिखता है। उस बोर्ड पर ओरेवा कंपनी का नाम लिखा है।
Oreva banner being quietly covered at the accident site in Morbi ahead of the PM visit. Hopefully the truth won’t be hidden.. #Morbi pic.twitter.com/WeAP80yLwH
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) November 1, 2022
This is the official picture tweeted where no such cover up is seen pic.twitter.com/qBxejBVsjW
— Rishi Bagree (@rishibagree) November 1, 2022
हालाँकि बागड़ी ने दावा किया है कि यह आधिकारिक ट्वीट है, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया है कि आधिकारिक तसवीर कहाँ जारी किया गया है। बहरहाल, रिपोर्ट लिखे जाने तक पीएमओ ने ऐसी तसवीर को ट्वीट नहीं किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से एक साथ ट्वीट की गई कुछ तसवीरों में से एक तसवीर उसी ऐंगल से ली गई है जैसा कि ऋषि बागड़ी ने ट्वीट किया है। लेकिन प्रधानमंत्री द्वारा ट्वीट की गई तसवीर में ओरेवा कंपनी वाला बोर्ड नहीं दिखता है।
Went to Morbi, which witnessed the horrific bridge mishap. Met the bereaved families and extended condolences. I visited the site of the tragedy and went to the hospital where the injured are recovering. Also met those involved in rescue ops and chaired a review meeting. pic.twitter.com/hAZnJFIHh8
— Narendra Modi (@narendramodi) November 1, 2022
🙄WhatsApp isn’t a dependable source for news ! pic.twitter.com/HbJ3y0EG5f
— Neha Joshi (@The_NehaJoshi) November 1, 2022
Since an attempt was made by @amitmalviya and his IT cell to claim that no Oreva banner was covered for PM visit to Morbi, here is video of the main banner outside the bridge being covered up. Stop shooting the messenger! And stop the abuse! Some of us will not be intimidated.🙏 pic.twitter.com/JEZw601hAi
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) November 1, 2022
बहरहाल, कंपनी के उस बोर्ड को प्लास्टिक से ढके जाने पर आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर निशाना साधा है। आप ने ट्वीट किया है कि 'बीजेपी की ओरेवा को बचाने की कोशिश अब भी जारी है। कंपनी बदनाम ना हो इसलिए कंपनी के नाम को ढक दिया गया है। एफ़आईआर में भी कंपनी और उसके मालिकों का कोई ज़िक्र नहीं है। क्या भाजपा को इनसे भारी चंदा मिला है?'
BJP की Oreva को बचाने की कोशिश अब भी जारी है। कंपनी बदनाम ना हो इसलिए कंपनी के नाम को ढक दिया गया है।
— AAP (@AamAadmiParty) November 1, 2022
F.I.R. में भी Company और उसके मालिकों का कोई ज़िक्र नहीं है। क्या भाजपा को इनसे भारी चंदा मिला है?#MorbiBridgeCollapse pic.twitter.com/5qdFHi76BJ
बता दें कि मोरबी में ब्रिटिश काल का पुल मार्च से नवीनीकरण के लिए बंद था। 26 अक्टूबर को ही इसे खोला गया था। लेकिन जनता के लिए फिर से खुलने के ठीक चार दिन बाद रविवार शाम को यह टूट गया। इस हादसे में 130 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। अधिकारियों के मुताबिक़ मरने वालों में कम से कम 47 बच्चे, कई महिलाएँ और बुजुर्ग शामिल हैं। दस्तावेजों से पता चलता है कि पुल को समय से पांच महीने पहले जनता के लिए खोल दिया गया था। पुल का नवीनीकरण करने वाली कंपनी ओरेवा ग्रुप ने पुल खोलने से पहले नागरिक अधिकारियों से फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं लिया। कई मीडिया रिपोर्टों के अनुसार इसकी पुष्टि मोरबी नगरपालिका एजेंसी के प्रमुख संदीपसिंह झाला ने की है।
कंपनी रखरखाव और मरम्मत के लिए पुल को कम से कम आठ से 12 महीने तक बंद रखने के अपने अनुबंध से बाध्य थी। पुलिस ने एक प्राथमिकी में कहा कि पिछले हफ्ते पुल को खोलना गंभीर रूप से गैर जिम्मेदार और लापरवाह संकेत था।
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