जिस गुजरात को अक्सर विकास और आर्थिक प्रगति के मॉडल के रूप में पेश किया जाता है, वहाँ दलित समुदाय की स्थिति लंबे समय से चर्चा और विवाद का विषय रही है। संवैधानिक अधिकारों और कानूनी सुरक्षा के बावजूद, राज्य में दलितों के ख़िलाफ़ हिंसा, भेदभाव और उत्पीड़न के मामले सामने आते रहते हैं। गुजरात के साबरकांठा जिले के वडोल गांव में 11 मार्च को एक दलित व्यक्ति के साथ हुई बर्बर घटना ने एक बार फिर जातिगत हिंसा और सामाजिक असमानता के मुद्दे को सुर्खियों में ला दिया है। इस घटना में कथित तौर पर ऊंची जाति के लोगों ने दलित व्यक्ति को निर्वस्त्र कर पीटा और गांव में घुमाया। यह सब कथित रूप से एक महिला के साथ उसके विवाहेतर संबंधों के चलते हुआ। यह घटना 13 मार्च को तब पुलिस के संज्ञान में आई, जब इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
गुजरात में दलित से बर्बरता; निर्वस्त्र कर पीटा व गांव क्यों घुमाया?
- गुजरात
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- सत्य ब्यूरो
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- 14 Mar, 2025
गुजरात में एक दलित व्यक्ति के साथ अमानवीय व्यवहार हुआ, उसे निर्वस्त्र कर पीटा और पूरे गांव में घुमाया गया। ऐसी घटनाएं क्यों हो रही हैं, प्रशासन का क्या रुख है, और न्याय की क्या उम्मीद है?

पुलिस के मुताबिक़, 32 वर्षीय पीड़ित निर्माण श्रमिकों को उनके कार्यस्थल तक पहुंचाने का काम करता है और इसी दौरान उसकी मुलाकात उस महिला से हुई थी। वह खुद भी शादीशुदा है और उसके दो बच्चे हैं। 11 मार्च की रात को वह आलू छांटने के काम के बाद कोल्ड स्टोरेज गोदाम से बाहर चाय बनाने के लिए निकला था। उसी समय संजय और उसके साथियों ने उसका नाम पुकारते हुए उस पर हमला बोल दिया। पीड़ित ने एफआईआर में बताया कि वह डर के मारे भागा, लेकिन हमलावरों ने उसे पकड़ लिया, गाली-गलौज की और बुरी तरह पीटा। इसके बाद उसे एक मंदिर के पास ले जाकर उसकी और संजय की पत्नी की कथित तस्वीर दिखाई गई। फिर उसे निर्वस्त्र कर गांव में घुमाया गया और एक सुनसान जगह पर ले जाकर धमकी दी गई कि वह दोबारा गांव में कदम न रखे। अंत में उसे एक कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया, जिसके बाद उसे छोड़ा गया।
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