135 लोगों की जान लेने वाले मोरबी पुल हादसे में एक बड़े घटनाक्रम में ओरेवा समूह के निदेशक जयसुख पटेल ने आज मंगलवार को सत्र न्यायालय के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। चार दिन पहले गुजरात पुलिस ने पटेल के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी, जिसमें जयसुख पटेल का नाम शामिल था।
मोरबी पुल हादसे में ओरेवा
ग्रुप के प्रमोटर जयसुख पटेल को प्रमुख आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने चार्जशीट में
उन्हें फरार बताया गया था। चार्जशीट में पटेल के अलावा ओरेवा समूह के 9 अन्य लोगों को भी नामजद किया गया था। सभी नौ
लोगों को पहले ही हिरासत ले लिया गया था।
ओरेवा समूह की घड़ी बनाने
वाली कंपनी अजंता मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड ने ब्रिटिश-युग में बने पुल को
दोबारा से बनाने और उसको संचालित करने के लिए अनुबंधित किया था। समूह की कंपनी
अजंता ने पीड़ितों परिवारों की गणना करने और उनको मुआवजा देने के गुजरात हाईकोर्ट
के निर्देश को सोमवार को ही स्वीकार कर लिया था।
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रखरखाव और संचालन के लिए
अनुबंधित ओरेवा समूह ने हाल ही में कोर्ट के सामने स्वीकार किया था कि उसने कुछ
गलत किया है जिसके कारण पिछले
साल 30 अक्टूबर को ब्रिटिश-कालीन
पुल ढ़ह गया।
ब्रिटिश काल में बना यह सस्पेंशन ब्रिज 30 अक्टूबर को अचानक से ढ़ह कर गिर गया था, जिसके परिणामस्वरूप कम से कम 135 लोगों की मौत हो गई थी।
पुलिस से प्राप्त आवेदन के
बाद मोरबी के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एमजे खान ने आईपीसी की धारा 70 के तहत पटेल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी
किया था।
हादसे की जांच के लिए बनी
समिति ने पुल पर व्यक्तियों की संख्या पर कोई प्रतिबंध नहीं, टिकटों की बिक्री पर कोई अंकुश नहीं, पुल पर अनियंत्रित आवाजाही और विशेषज्ञों से
परामर्श किए बिना मरम्मत करने सहित कई खामियों को उजागर किया था।
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