भारत में अजनबीपन बढ़ रहा है। इसमें कोई शक नहीं। इन बढ़ती दूरियों की वजह भी हम जानते हैं। यह अजनबीपन देश पर भी भारी पड़ रहा है। देश लोगों से बनता है। लेकिन लोगों में जब अजनबीपन होगा तो वो देश कैसा होगा। हालांकि विचारक और स्तंभकार अपूर्वानंद ने इसे 'अजनबीयत' कहा है। उन्होंने अजनबीयत को दूर करने का नुस्खा भी बताया है कि हम किसी को मेहमान करें, किसी के मेहमान हों।इस लेख को पढ़िए और आज ही किसी को मेहमान बनाइएः