ठीक 100 साल पहले की बात है। गांधीजी का असहयोग और खिलाफत आंदोलन पूरे जोर पर चल रहा था। देश की गली-गली में हिंदू मुसलमान की जय के नारे लग रहे थे। अल्लाह हो अकबर और वंदे मातरम एक साथ पुकारा जा रहा था। फिरंगी शासन की जमीन सरकने लगी थी। तभी मार्च 1922 में गांधीजी को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया।
सांप्रदायिक दंगे: फिर गांधी पैदा होंगे?
- विचार
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- 17 Apr, 2022

किसी समाज या देश में नफ़रत की क्या ज़रूरत है? क्या बिना किसी वजह के नफरत घोली जा सकती है? जानिए हिंदू मुसलिम के बीच अंग्रेजों ने कैसे जहर घोला था और गांधी जी ने इससे कैसे लड़ाई लड़ी।
नेहरू, मौलाना आजाद, सुभाष यह सब पहले ही जेल भेजे जा चुके थे। जब गांधी जेल चले गए तो अंग्रेजों ने नया दांव निकाला। हिंदू मुसलिम का फसाद खड़ा कर दिया। फिर तो देश में कभी रामनवमी के जुलूस में तो कभी किसी मसजिद की अजान पर और कभी गाय या सूअर के नाम पर हिंदू मुसलमान रोज सामने आने लगे। 1923 दंगों का साल बन गया।