जहां दिल्ली में वायु गुणवत्ता 400 के आस-पास के ख़तरनाक स्तर पर है, वहीं पाकिस्तान के लाहौर में यह 1900 और मुल्तान में 2000 पार कर गया। क्या सिर्फ़ जुर्माना बढ़ाकर प्रदूषण फैलने से रोका जा सकता है?
यदि बड़ी संख्या में लोग बागी होकर पार्टी के खिलाफ निर्दलीय या किसी पार्टी में शामिल होकर चुनाव लड़ते हैं तो वह ध्रुवीकरण क्या सिरे नहीं चढ़ पाएगा जिसकी बीजेपी इस बार उम्मीद कर रही थी?
हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और बीजेपी में बगावत और अंदरुनी कलह की ख़बरें हैं। तो सवाल है कि इस तरह की गुटबाज़ी में किसको बड़ा नुक़सान होगा?
हरियाणा में राज्यसभा के लिए राज्य का प्रतिनिधि एक ऐसी विधानसभा चुनेगी जिसकी उम्र अब कुछ ही हफ्ते की बची है और उसकी उलटी गिनती भी शुरू हो चुकी है। क्या यह नैतिक रूप से सही है?
गुरमीत राम रहीम सिंह को विधानसभा चुनाव से पहले फर्लो मिल गई। तमाम प्रयास के बाद भी लोकसभा में बीजेपी को बड़ा नुक़सान हुआ। तो लेकिन सवाल है कि भाजपा के पास विकल्प क्या हैं?
बजट से ठीक पहले चंद्राबाबू नायडू की दिल्ली यात्रा के क्या मतलब हैं? चंद्राबाबू नायडू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार दोनों ही अपने प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की बात करते रहे हैं।
एथेनाॅल परियोजना से जुड़ा एक तर्क है जो शायद अगले आम चुनाव तक चले। कहा जा रहा है कि इससे किसानों को फायदा होगा और उनकी आमदनी बढ़ेगी। लेकिन क्या सच में ऐसा होगा?
कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार द्वारा शुरू की गई मनरेगा योजना के लिए फंड को लगातार कम क्यों किया जा रहा है? जानिए इस योजना के बारे में पीएम मोदी ने 2015 में क्या कहा था।
जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग का कृषि पर क्या असर होगा, यह गेहूँ की फ़सल पर इस बार साफ़ दिख गया। गेहूँ के दाने सूख गए। तो क्या आगे जल्द ही भुखमरी का संकट आने वाला है?
देश में क्या गरीबी और अमीरी के बीच बढ़ती खाई का ही नतीजा है कि गौतम अडानी दुनिया के सबसे पाँच अमीरों में शामिल हो गए हैं? कोरोना जैसे संकट के बीच अडानी यह उपलब्धि कैसे हासिल कर पाए?
सांख्यिकी विभाग ने जब जीडीपी 20.1 फ़ीसदी विकास दर के आँकड़े जारी किए तो एक के बाद एक सभी टीवी चैनलों पर इसे सरकार की उपलब्धि बताया जाने लगा। लेकिन क्या इसे वाक़ई सरकार की उपलब्धि माना जा सकता है?
कोविड-19 के मुफ्त टीके के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा करने वाले ऐसे होर्डिंग्स ने कोविड काल में भी प्रचार का कारोबार करने वालों की चांदी कर दी है।