आटे दाल का भाव अगर अब भी आपको परेशान नहीं कर रहा है तब भी समझना ज़रूरी है कि आगे यह ख़तरा और भी बड़ा हो सकता है। भीषण तापमान के कारण जिस समय देश का गेहूं उत्पादन कम हुआ है ठीक उसी समय आई इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट ज़्यादा परेशान करने वाली है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस तरह से ग्लोबल वार्मिंग का सिलसिला आगे बढ़ रहा है, साल 2030 तक भारत में अनाज का उत्पादन काफी तेजी से गिर सकता है। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि कृषि उत्पादन के गोता लगाने के कारण भारत में 9.06 करोड़ लोग भुखमरी की ओर बढ़ सकते हैं।

जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग का कृषि पर क्या असर होगा, यह गेहूँ की फ़सल पर इस बार साफ़ दिख गया। गेहूँ के दाने सूख गए। तो क्या आगे जल्द ही भुखमरी का संकट आने वाला है?
फ़िलहाल तो देश के किसानों पर पर्यावरण बदलाव का असर पहली बार बड़े पैमाने पर पड़ा है। मार्च से ही काफी तेज गर्मी शुरू हो जाने के कारण इस बार खेतों में खड़ी गेहूँ की फ़सल के दानों में पूरा निखार नहीं आया। ये दाने अभी अपने आकार तक पहुँचे ही नहीं थे कि तेज गर्मी ने उन्हें सुखा दिया।