हरियाणा में कांग्रेस की आपसी लड़ाई इन दिनों काफी चर्चा में है। कहा जा रहा है कि वहां माहौल भले ही कांग्रेस के पक्ष में हो लेकिन ये लड़ाई कांग्रेस को डुबा सकती है। जैसे कि मध्य प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव में हुआ था। कांग्रेस के बड़े नेता भी अपने बयानों और सक्रियता से ऐसी आशंकाओं को शह देते दिखाई देते हैं। इसके साथ ही यह भी जोड़ दिया जाता है कि माहौल पक्ष में होने के कारण अति-आत्मविश्वास भी कांग्रेस के लिए भारी पड़ सकता है। जैसा कि छत्तीसगढ़ में हुआ था।

हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और बीजेपी में बगावत और अंदरुनी कलह की ख़बरें हैं। तो सवाल है कि इस तरह की गुटबाज़ी में किसको बड़ा नुक़सान होगा?
दूसरी तरफ़ भाजपा के बारे में भी ऐसा नहीं कहा जा सकता कि वह आपसी लड़ाई झगड़ों से दूर है। तरह-तरह की बगावत और विरोध की आवाजें उसके भीतर से भी दिखाई और सुनाई दे रही हैं। लेकिन इस सब की चर्चा बहुत ज्यादा नहीं है। विश्लेषण करने वालों का सारा नजला कांग्रेस पर ही गिर रहा है।