यह उद्योग न केवल युद्धों से मुनाफा कमाता है, बल्कि वैश्विक तनाव को बनाए रखने में भी भूमिका निभाता है।सीधा आरोप है कि हथियार लॉबी जानबूझकर दुनिया को अशांति की आग में झोंक रही है? यही नहीं, आज का आतंकवाद भी इस लॉबी की लालच की देन है। दुनिया के करोड़ों बच्चों को भूख और बीमारी से बचाया जा सकता है अगर हथियारों पर होने वाले वैश्विक खर्च का दस फ़ीसदी भी इस तरफ़ ख़र्च किया जाए। लेकिन हथियार निर्माण भारी मुनाफ़े का कारोबार भी है जिसमें इस तरह की सरोकारी भूमिका की गुंजाइश न के बराबर है।