कोई और वक़्त होता तो वे तस्वीरें हमें अच्छे समय की एक आम सी कहानी बतातीं लेकिन फ़िलहाल वे डरा रही हैं। सबसे पहले शिमला के माल और लोअर माल की तस्वीरें आईं जहाँ भीड़ इतनी थी कि लोगों के कंधे टकरा रहे थे। फिर मनाली के माल रोड की तस्वीरें आई वहाँ भी क़रीब वही हाल था। ‘हिमालयन एक्सप्रेस वे’ एक वीडियो भी आया जिस पर चंडीगढ़ से शिमला की ओर बढ़ती कारों ने जाम लगा दिया था। कारण दो बताए गए कि एक तो हिमाचल सरकार ने पर्यटन क़ारोबार में दुबारा जान फूंकने के लिए पर्यटकों के आवागमन पर लगी पाबंदियाँ हटा ली हैं और अब वहाँ जाने के लिए कोई टेस्ट रिपोर्ट की भी ज़रूरत नहीं है। दूसरा कारण यह सामने आया कि मानसून में काफ़ी देरी होने के कारण उत्तर भारत के सभी मैदानी इलाक़े बुरी तरह तप रहे हैं। सो जैसे ही पाबंदियाँ हटीं और लोगों को मौक़ा मिला वे पहाड़ों की ओर भागे।

हर रोज दिल्ली में होने वाली मीडिया ब्रीफिंग में कुछ राज्यों में बढ़ते कोरोना संक्रमण का ज़िक्र विशेष रूप से किया जाता है जबकि कई राज्यों और बहुत सारे तथ्यों से आँखें मूंद ली जाती हैं। इसका एक उदाहरण पिछले कुछ दिनों से इस ब्रीफिंग में होने वाला महाराष्ट्र और केरल का ज़िक्र है। इन बातों से ट्रोल आर्मी को भी काफ़ी मसाला मिल जाता है।