बेशक कोई भी कोर्ट यह फैसला कर दे या देश की संसद कानून पास कर दे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री पर कभी कोई सवाल नहीं पूछा जाएगा। लेकिन देश के लोगों के बीच यह चर्चा तो अब बनी रहेगी कि मोदी कितने पढ़े लिखे हैं। केजरीवाल ने वही कर दिखाया है। हर नौकरी में लोगों से आवेदन के वक्त उनकी शिक्षा के सर्टिफिकेट मांगे जाते हैं तो क्या उस राजनेता में सुर्खाब के पर लगे हैं, जिन्हें देश की जनता चुनती है। उसे जानने का हक है।